नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम, केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय की मदद से तीन बायो गैस संयंत्र स्थापित कर रही है. इन बायो गैस संयंत्रों की सहायता से राजधानी में प्रभावी डेयरी तंत्र स्थापित करने में मदद मिलेगी, जिसके फलस्वरूप अनाधिकृत डेयरियों से छुटकारा मिलेगा. इससे गोबर के वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने में मदद मिलेगी जो पहले नालियों में बहाने के कारण उन्हें जाम कर देता था अथवा लैंडफिल साइटों पर ढेर लगा दिया जाता था.
बायो गैस संयंत्र के आरंभ होने के पश्चात गोबर मिश्रित पानी में बह कर यमुना नदी को प्रदूषित नहीं कर पाएगा जिससे कि नदी को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा. बायो गैस संयंत्र की सहायता से डेयरी मालिक अपने पशुओं का गोबर बेच कर अतिरिक्त आय भी पा सकेंगे. दिल्ली नगर निगम तीन स्थानों पर बीओटी आधार पर बायो गैस संयंत्र स्थापित कर रहा है. बायो गैस संयंत्रों की स्थापना केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शहरी विकास फंड के अंतर्गत प्रत्येक संयंत्र को 3 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग की सहायता से कर रहा है. 200 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले बायो गैस संयंत्रों का निर्माण गोयला डेयरी, नंगली डेयरी एवं घोगा डेयरी में किया जा रहा है.
नंगली डेयरी में बनाया जा रहा बायो गैस संयंत्र 2.72 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. संयंत्र में गोबर का निस्तारण करने के लिए 200 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले तीन डाइजेस्टर लगे हैं. एक डिजेस्टर 27 मीटर व्यास एवं 12 मीटर ऊंचाई तथा बाकि दो डाइजेस्टर 18 मीटर व्यास एवं 12 मीटर ऊंचाई वाले हैं. बायोगैस संयंत्र को 25 टन प्रतिदिन गोबर के साथ परीक्षण किया जा रहा है तथा अगस्त 2023 से यह पूर्ण रूप से कार्य करने लगेगा एवं गैस का उत्पादन आरंभ होगा.
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गोयला डेयरी में निर्माणाधीन बायो गैस संयंत्र 3.26 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. संयंत्र में गोबर का निस्तारण करने के लिए 200 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले दो डाइजेस्टर लगे हैं. प्रत्येक डिजेस्टर 27 मीटर व्यास एवं 12 मीटर ऊंचाई वाले हैं. बायोगैस संयंत्र का 50% कार्य पूर्ण हो गया है तथा इसे दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा.
तीसरा बायो गैस संयंत्र घोगा डेयरी में बनाया जा रहा है. इसकी क्षमता 200 टन प्रतिदिन गोबर को निस्तारित करने की है. बायो गैस संयंत्र 2.47 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. संयंत्र को केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी शहरी विकास फंड से स्थापित किया जा रहा है. संयंत्र में गोबर का निस्तारण करने के तीन डाइजेस्टर लगे हैं. प्रत्येक डिजेस्टर 28 मीटर व्यास एवं 11.5 मीटर ऊंचाई वाले हैं. बायोगैस संयंत्र का 20% कार्य पूरा कर लिया गया है तथा इसे दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा.