नई दिल्ली :दिल्लीपुलिस की स्पेशल सेल की IFSO की टीम ने हिंदू देवी-देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीर सोशल मीडिया पर डालकर सनसनी फैलाने वाले मामले में उत्तराखंड से जिस आरोपी आदर्श सैनी को गिरफ्तार किया था, उससे पूछताछ में कई जानकारी मिली है. उसके पिता उत्तराखंड सरकारी सेवा में अच्छे पद पर कार्यरत हैं. वह खुद BBA की पढ़ाई कर चुका है और 2020 से ऑनलाइन गेम खेलता था. जब उसे लगा कि इस गेम के जरिए वह अच्छी रकम कमा सकता है, तो वह फ्री फायर गेम नाम के एक वेबसाइट से जुड़ गया और इंडिया में वह अच्छा कमाने लगा.
हेमंत तिवारी IFSO ,स्पेशल टीम ने दी जानाकारी
डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया की आदर्श की कुल कमाई का 75 परसेंट उसे मिलता था और 25 परसेंट कंपनी को जाता था. लेकिन इसी बीच बिहार के रहने वाले राहुल ने उससे मिलता जुलता एक दूसरा वेबसाइट बना लिया. जिससे आदर्श सैनी का गेम वाला वेबसाइट का ट्रैफिक राहुल की तरफ डायवर्ट हो गया. इससे आदर्श की हर महीने होने वाली 5 लाख रुपये के आसपास की कमाई घटकर एक लाख पर पहुंच गई. इसलिए उसने राहुल से बदला लेने के लिए उसकी डिटेल डालकर देवी देवताओं की अपत्तिजनक तस्वीर वायरल करनी शुरू कर दी थी.
अपूर्व वर्मा नाम का फर्जी आदमी बनकर राहुल की शिकायत की
इतना ही नहीं आदर्श ने अपूर्व वर्मा नाम का फर्जी आदमी बनकर राहुल की शिकायत दिल्ली महिला आयोग से कर दी. जिससे कि उसपर तुरंत कार्रवाई हो सके और वह गिरफ्तार हो जाए . लेकिन बदला लेने की प्लानिंग उसकी एसीपी जयप्रकाश, विजय गहलावत, इंस्पेक्टर अवधेश, महेश कुमार, हरजीत सिंह की टीम ने फेल कर दी. राहुल गिरफ्तार होने के बजाय आदर्श ही गिरफ्तार होकर सलाखों के पीछे पहुंच गया. पुलिस ने एक दिन के रिमांड पर आदर्श को लिया था .कोर्ट ने अब से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है.
29 अक्तूबर को दिल्ली महिला आयोग की ओर से शिकायत कराई गई थी दर्ज
डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया की देवी देवताओं की अप्त्तिजनक तस्वीर सोशल मीडिया पर डालने के संबंध में 29 अक्तूबर को दिल्ली महिला आयोग की ओर से दिल्ली पुलिस को शिकायत दी गई थी. उस शिकायत पर संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई थी.