नई दिल्ली:प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार की 'फरिश्ते योजना' पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिर्फ अपना चेहरा चमकाने और विज्ञापन में छाए रहने के लिए योजना बनाते हैं.
'फरिश्ते' योजना पर मनोज तिवारी का वार मनोज तिवारी का आरोप है कि वो फरिश्ते योजना, जिसके तहत सड़क हादसे में शिकार लोगों को सरकारी खर्च पर मदद करने की बात कही गई थी, इसका फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है.
'रिश्ते तो निभाएं केजरीवाल'
मनोज तिवारी ने प्रदेश बीजेपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दो ऐसे सड़क हादसे के शिकार लोगों को भी पेश किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोगों की मदद कर फरिश्ते नहीं बन सकते, लेकिन कम से कम रिश्ते तो निभाएं.
मनोज तिवारी ने कहा-
दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते सब की सुध लेने कि उनकी जिम्मेदारी है. मगर सरकार दुख की घड़ी में भी साथ छोड़ देती है. वजीरपुर इलाके में रहने वाली 11वीं क्लास की छात्रा प्रीति जो 10 अक्टूबर को सड़क हादसे की शिकार हुई थी, उसे शालीमार बाग स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल में 7 दिन तक भर्ती रहना पड़ा. इलाज चला और सारा खर्च घर वालों को देना पड़ा. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की तरफ से एक प्रतिनिधि को भेजा गया था, लेकिन वो भी दोबारा देखने नहीं आया. न ही फोन उठाया. शर्म आती है ऐसी सरकार पर.
मनोज तिवारी ने कहा कि एक अन्य शख्स नारायण सिंह, जिनका सड़क हादसे में हाथ टूट गया था, घायल हो गए थे, उन्हें भी अपने खर्चे पर ही पूरा इलाज करना पड़ा. ऐसे कई उदाहरण पेश करते हुए मनोज तिवारी ने कहा केजरीवाल फरिश्ते तो नहीं बन सकते तो कम से कम रिश्ते तो निभाएं.
ये है फरिश्ते योजना
बता दें कि दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और उनके विभाग ने फरिश्ते योजना को लेकर बताया था कि इस स्कीम के तहत सड़क हादसे का शिकार कोई भी शख्स किसी भी अस्पताल में भर्ती होगा, तो उसके इलाज का पूरा खर्च चाहे जितना भी है सब सरकार वहन करेगी. इतना ही नहीं इस स्कीम में सहायता करने वालों को भी पुरस्कृत करने की बात कही गई है. सरकार का दावा है कि इस स्कीम के लागू होने के बाद 3000 से अधिक लोग इसका लाभ ले चुके हैं.