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दंगा पीड़ितों की घर वापसी को लेकर मनीष सिसोदिया ने पुलिस से मांगी मदद - Delhi Deputy CM

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब दंगा प्रभावित परिवार अपने घरों में वापस जाने की तैयारी में हैं. वह कुछ सप्ताह से राहत शिविरों में थे. ऐसे में पुलिस अधिकारियों से अधिक पुलिस वालों की तैनाती के लिए कहा गया है.

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मनीष सिसोदिया

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Published : Mar 17, 2020, 11:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ उत्तर-पूर्वी जिले के जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी एवं राजस्व जिला अधिकारी और दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर समेत तमाम अधिकारियों के साथ दंगा पीड़ितों को मुआवजा वितरण और राहत कार्यों के संदर्भ में एक बैठक की.

मनीष सिसोदिया ने पुलिस से मांगी मदद
'राहत शिविरों से घर वापसी को तैयार दंगा पीड़ित'मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब दंगा प्रभावित परिवार अपने घरों में वापस जाने की तैयारी में हैं. वह पिछले कुछ सप्ताह से राहत शिविरों में थे. ऐसे में पुलिस अधिकारियों से अधिक पुलिस वालों की तैनाती के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि दंगा पीड़ित परिवार और राहत शिविरों को छोड़कर अपने घर की तरफ वापस जाने के लिए लगभग तैयार हैं. इसीलिए महत्वपूर्ण है कि उन्हें एक सुरक्षा पूर्ण वातावरण मुहैया कराया जाए. ऐसे में यह जरूरी है दंगा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की जाए. पुलिस के इस कदम के द्वारा लोगों में जो भय बना हुआ है वह समाप्त हो जाएगा. वे अपने जीवन को सामान्य रूप से शुरू कर पाएंगे. यह शांति व्यवस्था को स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.'दंगा पीड़ितों में बांटे गए मुआवजे का हिसाब किताब'सहायता और मुआवजे के लिए आए हुए आवेदनों के विषय में बात करते हुए उनकी कमियों को दूर करने और एक ही व्यक्ति के दोहरे फॉर्म के विषय में मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पूरी की जाए. इस संबंध में जो कुछ भी अनियमितताएं हैं जैसे कि दंगा पीड़ितों के नाम एवं अन्य कमियां उन्हें दूर किया जाए. उन्होंने इस संदर्भ में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए दोहराया कि दोहरे फॉर्म छटनी की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए.
मीटिंग करते डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया



'13 करोड़ से अधिक बांटा जा चुका है मुआवजा'
दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक 13 करोड़ 51 लाख 51 हज़ार 590 रुपये के मुआवजा वितरण किया गया है. मृत्यु के 42 मामलों में फॉर्म मिले जिनमें से सभी के परिवारों की मदद की जा चुकी है. घरों को गंभीर नुकसान के 214 फॉर्म प्राप्त हुए, जिनमें से 203 को पूरा मुआवजा दिया जा चुका है. 221 मकानों में कम नुकसान के आवेदन हुए जिनमें से 168 को अब तक सहायता दी जा चुकी है.

दिल्ली सरकार के दंगा सहायता समूह के रिस्पांस टीम द्वारा तीन बच्चों के ऐसे मामले सामने लाए गए जिनमें हिंसा के दौरान तेजाब से हमला हुआ. इन मामलों के विषय में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि एसिड अटैक विक्टिम को गंभीर रूप से घायल की श्रेणी में रखा जाना चाहिए. उन्हें उसके अनुसार से ही मुआवजा दिया जाना चाहिए. क्योंकि इस तरह के हमलों से ना केवल शारीरिक क्षति पहुंचती है बल्कि पीड़ित को मानसिक प्रताड़ना का भी शिकार होना पड़ता है.

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