नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शिक्षा के बजट को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार और भाजपा शासित राज्यों के खर्च को तुलनात्मक रूप में पेश किया.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक तरफ भाजपा शासित प्रदेशों में लगातार शिक्षा का बजट कम हो रहा है, वहीं बीते 5 साल में AAP शासित दिल्ली में शिक्षा का बजट 3 गुना बढ़ गया है.
मनीष सिसोदिया ने भाजपा से शिक्षा मॉडल पर चुनाव लड़ने को कहा 'बच्चों के भविष्य निर्माण में साजिश नहीं'
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारा मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में होने वाला वित्तीय देश के भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण है और इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए. उन्होंने भाजपा को निशाने पर लेते हुए यह भी कहा कि जो सरकार देश के बच्चों की शिक्षा में व्यय से घबराती है, दरअसल वो बच्चों का भविष्य बिगाड़ने की साजिश करती है.
'भाजपा ने कम किया शिक्षा में व्यय'
इस दौरान सिसोदिया ने वित्त विभाग, दिल्ली सरकार और आरबीआई के आंकड़े देते हुए कहा कि 2013-14 के दौरान दिल्ली सरकार का जो शिक्षा बजट 16.6% था, वह बढ़कर 26% हो गया है, वहीं भाजपा शासित हरियाणा में यह 15.4% से कम होकर 13%, उत्तर प्रदेश में 16% से कम होकर 13.4% और कांग्रेस शासित पंजाब में 14.2% से घटकर 10.3% रह गया है.
'5 साल में 3 गुना बढ़ोतरी'
शिक्षा में दिल्ली सरकार के खर्च का आंकड़ा देते हुए सिसोदिया ने कहा कि 2013 में दिल्ली के शिक्षा का बजट 5600 करोड़ रुपया था, जो इस साल बढ़कर 15,600 करोड़ हो गया है, यानी बीते 5 साल में हमने दिल्ली के शिक्षा बजट को 3 गुना ज्यादा किया. उन्होंने केंद्र और भाजपा शासित राज्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये शिक्षा पर मात्र 10 फ़ीसदी खर्च करते हैं और अब कह रहे हैं कि हम अगले 10 साल में इसे 20 फीसदी तक लेकर जाएंगे.
'वैश्विक स्तर पर भी दिल्ली आगे'
सिसोदिया ने इस पर भी सवाल किया और पूछा कि यह दोगुना कैसे होगा, जबकि बीते दिनों टैक्स कलेक्शन में कमी के बाद केंद्र ने सबसे पहले शिक्षा के बजट में कटौती की और 3 हजार करोड़ रुपये कम कर दिए. सिसोदिया ने दिल्ली के शिक्षा बजट की तुलना विश्व के दूसरे देशों से भी की और बताया कि भूटान में 24.04%, उज्बेकिस्तान में 30.03% और मलेशिया 21.7% शिक्षा का बजट है, यानी विश्व के कई देशों की तुलना में दिल्ली सरकार शिक्षा पर अधिक व्यय कर रही है.
'हिम्मत है तो शिक्षा पर चुनाव लड़ें'
इन आंकड़ों का जिक्र करते हुए मनीष सिसोदिया ने भाजपा को चुनौती दी और कहा कि यदि आपमें हिम्मत है, तो आइए शिक्षा के मॉडल पर चुनाव लड़ें और यदि आपने भाजपा शासित किसी भी राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया है, तो उसे सामने लेकर आइए.