नई दिल्ली: मंगलवार शाम एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वैक्सीन नीति को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. सिसोदिया ने कहा कि आज वैक्सीन को लेकर जो हाहाकार मचा हुआ है, उसके पीछे का कारण भारत सरकार का रवैया है. अगर वैक्सीन विदेशों को बेचने की जगह अपने देश के लोगों को लगाते, तो 6.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी होती.
'93 देशों को वैक्सीन देने पर उठाया था सवाल'
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अपने लोगों को वैक्सीन लगवाने की जगह केंद्र सरकार ने उसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश श्रीलंका, ओमान आदि देशों को बेचने का फैसला किया और यही सबसे बड़ी गलती हुई. सिसोदिया ने कहा कि भारत सरकार को यह गलती माननी चाहिए. मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैंने 2 दिन पहले जब सवाल उठाए कि 93 देशों को वैक्सीन क्यों दी गई, तो भाजपा तरह-तरह के तर्क लेकर आ रही है.
'सिर्फ इन्हें है इंटरनेशनल कम्युनिटी का ख्याल'
सिसोदिया ने कहा कि कल उन्होंने यह आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने वैक्सीन का आर्डर नहीं दिया है, लेकिन हमने कागज दिखाकर झूठ का पर्दाफाश किया. अब वे कह रहे हैं कि सरकार को इंटरनेशनल रिलेशन का भी ध्यान रखना होता है. सिसोदिया ने सवाल किया कि क्या अमेरिका और यूरोप के देशों को इंटरनेशनल रिलेशन या इंटरनेशनल कम्युनिटी की चिंता नहीं है, उन्होंने सबसे पहले अपने लोगों के लिए वैक्सीन सुनिश्चित की.
'फेल हो गया केंद्र का वैक्सीनेशन मैनजेमेंट'
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फ्रांस ने पिछले महीने से दूसरे देशों को वैक्सीन देनी शुरू की है. केंद्र सरकार अपनी गलती स्वीकार नहीं कर रही है, भारत सरकार का वैक्सीनेशन मैनेजमेंट फेल हो गया है और अब वे कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने वैक्सीन के लिए इंटरनेशनल टेंडर नहीं किया. सिसोदिया ने कहा कि केंद्र और भाजपा चाहती है कि सारे राज्य इंटरनेशनल कंपनियों के सामने ग्लोबल टेंडर करें और वैक्सीन के लिए वहां लड़ाई करें.