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अब छात्रों को कोटा जाने की जरूरत नहीं, कोटा ही हमारे स्कूलों में आ गया है: मनीष सिसोदिया

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सोमवार को 98 पर्सेंटाइल से अधिक अंक लानेवाले दिल्ली सरकार के स्कूलों के 45 छात्रों से मुलाकात कर उनसे चर्चा की. इस मौके पर सिसोदिया ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि सरकार की ओर से मिली फ्री ऑनलाइन कोचिंग, स्कूल लाइब्रेरी में हाई-एंड किताबों की उपलब्धता, टीचर्स के सपोर्ट और अपनी कड़ी मेहनत के साथ आज ये बच्चे देश के टॉपर्स में शामिल हैं.

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Published : Feb 13, 2023, 9:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को जेईई (मेन्स) में 98 पर्सेंटाइल से अधिक अंक हासिल करने वाले दिल्ली सरकार के स्कूलों के 45 छात्रों से मुलाकात कर उनसे चर्चा की. साथ ही छात्रों को आगामी बोर्ड परीक्षाओं और जेईई (एडवांस्ड) की परीक्षा के लिए भी प्रेरित किया. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे स्कूलों के बच्चों ने जेईई मेंस में शानदार प्रदर्शन कर दिल्ली का नाम रौशन कर दिया है. यह बेहद खुशी की बात है कि सरकार की ओर से मिली फ्री ऑनलाइन कोचिंग, स्कूल लाइब्रेरी में हाई-एंड किताबों की उपलब्धता, टीचर्स के सपोर्ट और अपनी कड़ी मेहनत के साथ आज ये बच्चे देश के टॉपर्स में शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के विजन के तहत बच्चों को अपने स्कूल में ही शानदार कोचिंग मिल रही है. इसने साबित कर दिया है कि दिल्ली के बच्चों को अब कोटा जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि कोटा ही हमारे स्कूलों में आ गया है. एसओएसई के शानदार प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि दिल्ली सरकार द्वारा दो साल पहले शुरू हुए स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के पहले बैच ने ही जेईई में झंडे गाड़ दिए हैं. एसओएसई के पहले बैच में से 253 बच्चों ने जेईई का एग्जाम दिया था, जिसमें से से 109 बच्चों ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है.

छात्रों ने भी साझा किए अपने अनुभव.

छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे स्कूलों में छात्र विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं. उन्होंने अपने जीवन में आर्थिक और भावनात्मक रूप से सबसे कठिन समय देखा है, लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ यह साबित कर दिया कि उनके अन्दर प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और वे भी जेईई जैसी कठिन परीक्षाओं को पार कर सकते हैं. अगर कोई छात्र आईआईटी-जेईई परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग लेने बाहर जाता है तो उसे लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं, जो बहुत से अभिभावक वहन करने में असमर्थ होते हैं. इन अभिभावकों और बच्चों के सपने न टूटे, इस दिशा में केजरीवाल सरकार अपने स्कूलों के बच्चों को कोचिंग मुफ्त में उपलब्ध करा रही है.

98 पर्सेंटाइल से अधिक अंक लानेवाले दिल्ली सरकार के स्कूलों के 45 छात्रों से चर्चा

उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की कक्षाएं ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी प्रदान की जाती हैं. इससे छात्रों को देश भर के विशेषज्ञों से जुड़ने और अच्छी तैयारी करने में मदद मिल रही है. साथ ही स्कूलों की लाइब्रेरी में जेईई की तैयारियों से जुडी स्पेशलाइज्ड किताबों के होने से भी बच्चों को बहुत मदद मिली है. ज्ञात हो कि इन 45 छात्रों के अलावा, दिल्ली सरकार के स्कूलों में ऐसे छात्रों की बहुत बड़ी संख्या है, जिन्होंने जेईई मेन्स में 90 पर्सेंटाइल से ऊपर अंक प्राप्त किए हैं और जेईई एडवांस के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं.

छात्रों ने साझा किए अपने अनुभवः इस दौरान छात्रों ने उपमुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए. अपने अनुभव साझा करते हुए 99.98 पर्सेंटाइल लाने वाले जीएसबीवी, राधेश्याम पार्क के छात्र आस्तिक नारायण ने कहा कि स्कूल के शिक्षकों और मेरे पिता ने मेरी तैयारी के दिनों में सबसे अधिक योगदान दिया. सरकारी स्कूलों में आज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जो सुविधाएं मिल रही हैं, उससे मुझे बहुत मदद मिली है. जहां तक मेरी तैयारी का सवाल है. मैं हमेशा अगले दिन की कार्ययोजना पहले से ही तय कर लेता हूं और उसका पूरी ईमानदारी से पालन करता हूं. आस्तिक ने 8वीं कक्षा में कैलकुलस पर एक किताब भी लिखी है.

छात्रों ने भी साझा किए अपने अनुभव.

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एसओएसई खिचड़ीपुर के छात्र ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे पिताजी मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर काम करते हैं. मैं दसवीं के बाद ही जेईई की तैयारी करना चाहता था लेकिन जब मैं कोचिंग के लिए संस्थानों पर पूछने गया तो पता चला कि ये कोचिंग बहुत महंगी है. मैं दिल्ली सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं कि जिस कोचिंग के लिए मैं बाहर फीस नहीं चुका सकता था. वहीं, कोचिंग आज मुझे मेरे स्कूल में फ्री मिल रही है. एक अन्य छात्र अमन ने साझा करते हुए कहा कि मुझे 10वीं तक जेईई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. पिताजी एक सिक्यूरिटी गार्ड है तो घर में भी इसके बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन स्कूल में टीचर्स के सपोर्ट-गाइडेंस और लाइब्रेरी से मिले अच्छे स्टडी मटेरियल की बदौलत मैं इतने अच्छे पर्सेंटाइल के साथ मेंस की परीक्षा पास कर पाया.

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