नई दिल्ली:दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाला मामले में पहले सीबीआई और अब प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजे गए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के चेहरे पर पूरी सुनवाई के दौरान रंग बदलते नजर आए. जहां कोर्ट रूम में प्रवेश करते वक्त मनीष सिसोदिया बेहद मुस्कुराते हुए नजर आए. वहीं, कोर्ट द्वारा आदेश रिजर्व किए जाने के बाद लगभग 10 घंटे तक और बेहद संजीदा लहजे में अपने अधिवक्ताओं और शुभचिंतकों से बातचीत कर रहे थे. कोर्ट के अंदर सिसोदिया की तरफ से तीन वरिष्ठ अधिवक्ता उनका पक्ष रख रहे थे, जबकि सीबीआई की तरफ से अधिवक्ता हुसैन अपना पक्ष रख रहे थे. कोर्ट ने सिसोदिया को रिमांड पर भेजते वक्त अपने आदेश में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश किए साक्ष्यों से प्रथम दृष्टया यह साफ होता है कि मनीष द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की गई है. ऐसे में उन्हें सात दिन की रिमांड दी जाती है.
सिसोदिया की तरफ से तीन वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन, मोहित माथुर और वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल पेश हुए. कृष्णन और मोहित माथुर की दलीलें जब खत्म हो गई तो सिद्धार्थ अग्रवाल ने अपनी दलील शुरू की. इस पर सीबीआई के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एक ही तरफ से तीन वरिष्ठ अधिवक्ता दलील दे रहे हैं, ऐसे में यह साफ हो जाता है कि इस घोटाले में यह कितने महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं. ऐसे में सिद्धार्थ अग्रवाल ने चुटकी लेते हुए कहा कि एक हुसैन को रोकने के लिए तीन क्या तीस वरिष्ठ अधिवक्ता भी न काफी है. माहौल को हल्का करने के लिए सीबीआई के वकील ने भी अपनी आपत्ति को वापस ले लिया और सिद्धार्थ अग्रवाल ने अपनी दलील पूरी की.
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