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LG के लिए शिक्षकों को फिनलैंड भेजना जरूरी या मंदिर को तोड़ना आवश्यक: सिसोदिया - LG Vinay Kumar Saxena

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ एक बार फिर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि एलजी के दिल्ली के मंदिरों को तोड़ना बहुत जरूरी हो गया है. उन्हें राजनीति छोड़ दिल्ली के हित के बारे में सोचना चाहिए.

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Published : Feb 12, 2023, 10:58 PM IST

Updated : Feb 13, 2023, 6:32 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एलजी विनय कुमार सक्सेना और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया में तकरार जारी है. मनीष बीते कुछ दिनों में लगातार एलजी को टारगेट कर रहे हैं. मनीष सिसोदिया कहते हैं कि दिल्ली सरकार के खिलाफ एलजी अपने पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ उन्होंने दिल्ली सरकार की हर एक फाइल रोक रखी है, वहीं दूसरी तरफ वे सरकार पर पूरी दिल्ली में मंदिरों को तोड़े जाने से जुड़ी फाइलों में देरी करने का आरोप लगा रहे हैं. ़

उन्होंने कहा कि एलजी का यह व्यवहार उनकी प्राथमिकताओं पर संदेह पैदा करता है. एलजी दिल्ली में मंदिरों पर बुल्डोजर चलाने के लिए इतना उत्साहित क्यों है? यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उपराज्यपाल इतने संवेदनशील मामले पर राजनीति कर रहे हैं, जो दिल्ली के दर्जनों पुराने मंदिरों से जुड़ा है. जबकि, धार्मिक ढांचों में कोई संशोधन करने का निर्णय भी जल्दबाजी में नहीं लिया जा सकता, उन्हें गिराने की अनुमति देना तो बहुत दूर की बात है.

उन्होंने कहा कि क्या एलजी के लिए सरकारी स्कूल के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने से ज्यादा जरूरी मंदिरों को तोड़ना है. एलजी खुद को दिल्ली का "लोकल गार्जियन" कहते हैं, तो वह जनहित की परियोजनाओं को मंजूरी क्यों नहीं देते हैं? उपराज्यपाल के पास प्रिंसिपल्स, डीईआरसी चेयरमैन, कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति के लिए अनुमोदन लंबे समय से लंबित है. एलजी राजनीति करने के बजाय इस दिशा में काम करें.

संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण:उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को पूरी दिल्ली में धार्मिक ढांचों को गिराने के दिल्ली एलजी के प्रयास पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एलजी ने एक बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने धार्मिक ढांचे को गिराने से संबंधित फाइलों को मंगवाया है. एलजी ने दावा किया है कि उक्त फाइलें मेरे विभाग द्वारा रोकी गई हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलजी इतने संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. यह विचाराधीन मामला दिल्ली में दशकों पुराने कई बड़े मंदिरों सहित कई धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने की मंजूरी देने से संबंधित है.

सिसोदिया ने कहा कि उचित मूल्यांकन के बिना लिया गया कोई भी निर्णय समाज में गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है और इस प्रकार हम प्रत्येक पहलू की सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद ही इस पर कोई निर्णय लेंगे.

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सिसोदिया ने पूछा- फिनलैंड जरूरी या मंदिर:उपमुख्यमंत्री ने कहा कि क्या एलजी के लिए दिल्ली के मंदिरों पर बुलडोजर चलाना सरकारी स्कूल के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने से ज्यादा महत्वपूर्ण है? शिक्षकों को ट्रेनिंग पर भेजने की फाइल उनके पास महीनों से लंबित पड़ी है और उनके कार्यालय के चक्कर काट रही है. उपराज्यपाल ने सरकारी स्कूलों में 244 पदों पर प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की मंजूरी पर रोक लगा दी है और विभाग से कहा है कि वह असेसमेंट स्टडी कराकर यह जांच करें कि स्कूलों में इन प्रधानाध्यापकों की आवश्यकता है या नहीं. यह पद पिछले पांच साल से खाली पड़े थे यह कैसा मजाक है? यह चौंकाने वाली बात है कि राष्ट्रीय राजधानी के एलजी होने के बावजूद उनके पास ओछी राजनीति करने का समय है, लेकिन सार्वजनिक हित की परियोजनाओं को मंजूरी देने का नहीं.

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Last Updated : Feb 13, 2023, 6:32 AM IST

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