नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एलजी विनय कुमार सक्सेना और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया में तकरार जारी है. मनीष बीते कुछ दिनों में लगातार एलजी को टारगेट कर रहे हैं. मनीष सिसोदिया कहते हैं कि दिल्ली सरकार के खिलाफ एलजी अपने पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ उन्होंने दिल्ली सरकार की हर एक फाइल रोक रखी है, वहीं दूसरी तरफ वे सरकार पर पूरी दिल्ली में मंदिरों को तोड़े जाने से जुड़ी फाइलों में देरी करने का आरोप लगा रहे हैं. ़
उन्होंने कहा कि एलजी का यह व्यवहार उनकी प्राथमिकताओं पर संदेह पैदा करता है. एलजी दिल्ली में मंदिरों पर बुल्डोजर चलाने के लिए इतना उत्साहित क्यों है? यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उपराज्यपाल इतने संवेदनशील मामले पर राजनीति कर रहे हैं, जो दिल्ली के दर्जनों पुराने मंदिरों से जुड़ा है. जबकि, धार्मिक ढांचों में कोई संशोधन करने का निर्णय भी जल्दबाजी में नहीं लिया जा सकता, उन्हें गिराने की अनुमति देना तो बहुत दूर की बात है.
उन्होंने कहा कि क्या एलजी के लिए सरकारी स्कूल के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने से ज्यादा जरूरी मंदिरों को तोड़ना है. एलजी खुद को दिल्ली का "लोकल गार्जियन" कहते हैं, तो वह जनहित की परियोजनाओं को मंजूरी क्यों नहीं देते हैं? उपराज्यपाल के पास प्रिंसिपल्स, डीईआरसी चेयरमैन, कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति के लिए अनुमोदन लंबे समय से लंबित है. एलजी राजनीति करने के बजाय इस दिशा में काम करें.
संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण:उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को पूरी दिल्ली में धार्मिक ढांचों को गिराने के दिल्ली एलजी के प्रयास पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एलजी ने एक बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने धार्मिक ढांचे को गिराने से संबंधित फाइलों को मंगवाया है. एलजी ने दावा किया है कि उक्त फाइलें मेरे विभाग द्वारा रोकी गई हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलजी इतने संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. यह विचाराधीन मामला दिल्ली में दशकों पुराने कई बड़े मंदिरों सहित कई धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने की मंजूरी देने से संबंधित है.