नई दिल्ली:गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी में कड़ी लड़ाई है. गुजरात का रण कौन जीतेगा यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. बहरहाल, गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने भाजपा पर तंज कसते हुए बड़ा आरोप लगाया है. सिसोदिया ने कहा की भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव हार रही है और अब गंदी राजनीति पर उतर गई है. उन्होंने कहा कि आप की सूरत ईस्ट से उम्मीदवार कंचन जरीवाला और उनकी फैमिली कल से गायब हैं. बीजेपी ने हमारी उम्मीदवार को किडनैप कर लिया है.
दिल्ली की डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया दिल्ली चुनाव आयोग के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. निर्वाचन आयोग के बाहर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए आप कार्यकर्ताओं ने बीजेपी और इलेक्शन कमीशन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन के दौरान सिसोदिया ने कहा कि लोकतंत्र में इससे बड़ी घटना नहीं हो सकती जब एक उम्मीदवार को ही किडनैप कर लिया गया. उन्होंने कहा कि हम यहां मिलने के लिए आए हैं और आयोग के पास मिलने का समय तक नहीं है. अब सिसोदिया ने कहा है उन्हें 4.30 बजे का समय दिया है. पिछले 2 घंटे से यहीं पर बैठे हैं.
वहीं इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने ट्वीट किया, उन्होंने लिखा कि हमारी आप की उम्मीदवार सूरत ईस्ट से कंचन जरीवाल (Candidate from Surat East Kanchan Jariwal) और उनकी फैमिली कल से गायब है. भाजपा ने पहले भरपूर प्रयास किया कि उनका नॉमिनेशन रद्द कर दिया जाए, लेकिन उनका नॉमिनेशन स्वीकार कर लिया गया है, तो अब इसके बाद भाजपा ने हमारे उम्मीदवार पर दबाव बनाया कि वह अपना नाम नॉमिनेशन से वापस ले.
हार के डर से भाजपा ने किया किडनैप:वहीं डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने कहा कि गुजरात साउथ ईस्ट से कंचन जरीवाला (Candidate from Surat East Kanchan Jariwal) भाजपा के उम्मीदवार को हराने वाली हैं. लेकिन हार के डर से पहले ही भाजपा ने उन्हें किडनैप करा दिया. कल (मंगलवार) से कंचन गायब है.उनका फोन स्विच ऑफ जा रहा है. उनका परिवार गायब है. कल आखरी बार वह चुनाव आयोग में देखे गए थे. वह अपने कागज को चेक करने गए थे.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा के गुंडों ने पहले कंचन पर दबाव बनाया कि वह अपना नॉमिनेशन वापस ले. क्योंकि नॉमिनेशन कानून के तहत था. नॉमिनेशन स्वीकार किया गया. इस दौरान भाजपा के गुंडों ने उन पर और दबाव बनाया. जब कंचन चुनाव आयोग से बाहर निकलने लगी तो भाजपा के गुंडों ने उन्हें किडनैप कर लिया. लोकतंत्र में यह घटना खतरनाक है.