नई दिल्ली:तीज त्योहारों पर खाने का भंडारा लगना तो आम बात है लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जो आइसक्रीम का भंडारा लगाता है. बचपन में जिस आइसक्रीम को खाने की इच्छा थी उसे अब भंडारा लगाकर पूरा कर रहे हैं. इन शख्स का नाम है सचिन रस्तोगी जो पिछले 13 साल से इस्कॉन मंदिर में हर जन्माष्टमी को आइसक्रीम का भंडारा जरूर लगाते हैं.
बचपन की आइसक्रीम की चाहत को भंडारा लगाकर पूरा कर रहा है ये शख्स - दिल्ली आज का समाचार
इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी के पर्व के अवसर पर आइसक्रीम भंडारे में दर्शनार्थी लुत्फ उठाते दिखे. ये भंडारा लगाने वाले सचिन रस्तोगी ने बताया कि उन्हें बचपन से ही आइसक्रीम बहुत पसंद थी लेकिन माता-पिता उन्हें ये खाने से रोकते थे. ऐसे में उन्होंने सोचा कि ऐसा कौन है जिसे आइसक्रीम पसंद नहीं होगी और वो भी तब जब भंडारे में मिले.
आइसक्रीम का भंडारा लगाने वाले शख्स सचिन ने कहा कि समय के साथ हर त्योहार और उसे मनाने के तरीके में नवीनता आ रही है. इसलिए उन्होंने भंडारे को भी एक नवीन रूप दिया. खाने का भंडारा तो सभी लगाते हैं, लेकिन आइसक्रीम एक ऐसी चीज है जो हर किसी के मन को भाती है. ऐसे में उन्होंने आइसक्रीम का भंडारा लगाने की पहल की है जिसे करीब 13 साल हो गए. आज भी उसी उत्साह के साथ ये भंडारा चलता है और दर्शनार्थी इसका लुत्फ उठाते हैं.
'परंपरा के नवीनीकरण का एक रूप है आइसक्रीम भंडारा'
जन्माष्टमी के अवसर पर इस्कॉन मंदिर में भक्तों को आइसक्रीम खिलाने वाले सचिन ने बताया कि समय के साथ-साथ हमारी परंपराओं में कई बदलाव आए हैं. हर किसी का नवीनीकरण किया जाता है. उसी तरह इन्होंने भंडारे में भी थोड़ा सा नवीनीकरण किया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह माखन-मिश्री के भोग के बिना श्री कृष्ण का प्रसाद अधूरा होता है. उसी तरह उसी माखन मिश्री को एक नवीन रूप देते हुए इन्होंने आइसक्रीम भंडारा शुरू किया है.
बचपन की आइसक्रीम की चाहत को कर रहे हैं पूरी
इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी के पर्व के अवसर पर आइसक्रीम भंडारे में दर्शनार्थी लुत्फ उठाते दिखे. ये भंडारा लगाने वाले सचिन रस्तोगी ने बताया कि उन्हें बचपन से ही आइसक्रीम बहुत पसंद थी. लेकिन माता-पिता उन्हें ये खाने से रोकते थे. ऐसे में उन्होंने सोचा कि ऐसा कौन है. जिसे आइसक्रीम पसंद नहीं होगी और वो भी तब जब भंडारे में मिले. इसी के चलते उन्होंने आइसक्रीम भंडारा लगाना शुरू किया.
उपवास में भी लोग करते हैं सेवन
वहीं सचिन ने बताया कि जन्माष्टमी के अवसर पर आइसक्रीम लगाने के पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि जिस तरह श्री कृष्ण को माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है. जो कि दूध का ही एक रूप है. उसी तरह दर्शन के लिए आए दर्शनार्थियों के लिए यहां आइसक्रीम का प्रसाद रखा जाता है. उन्होंने बताया कि दूध से बनी होने के चलते उपवास के दौरान भी भक्त इसे ग्रहण कर सकते हैं. इसलिए भी इस भंडारे में लोग बड़ी संख्या में आते हैं और चाव से आइसक्रीम खाते हैं.