नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज में महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मथुरा से विधायक और उत्तर प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और लोकसभा सांसद गुमान सिंह डामोर शामिल हुए. श्रीकांत शर्मा ने कहा कि महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने बाल विवाह और सती प्रथा जैसी कुरीतियों का विरोध कर समाज को नई दिशा देने का काम किया. महर्षि दयानंद सरस्वती ने ही समाज को कुरीतियों से लड़ना सिखाया.
शर्मा ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि संसार का संपूर्ण ज्ञान वेदों में निहित है. वेद ही नैतिकता का पाठ पढ़ा सकते हैं और शिक्षा दे सकते हैं. इसलिए उन्होंने वेदों की ओर लौटने की बात भी कही थी. आज दुनिया वेदों में निहित ज्ञान को मान रही है.
वहीं, मध्य प्रदेश से लोकसभा सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती एक महान समाज सुधारक थे. उन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त रूढ़िवादी कुरीतियों को दूर करने के लिए अनेक कदम उठाए और शिक्षा को माध्यम बनाया. साथ ही आर्य समाज की स्थापना कर समाज और राष्ट्र निर्माण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लोकसभा सांसद ढाल सिंह बिसेन ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने सामाजिक सुधार के लिए बहुत सारे काम किए हैं. स्वामी दयानंद सरस्वती ने इन सभी कुरीतियों से जमकर लोहा लिया और उन्हें समाप्त करने का भरपूर प्रयास किया.