दिल्ली

delhi

Maha Shivaratri 2023: महाशिवरात्रि की पूजा ऐसे करें, अबकी बार बना है ऐसा संयोग

By

Published : Feb 15, 2023, 4:06 PM IST

महाशिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. शिवरात्रि का महापर्व भोलेनाथ से जुड़ा हुआ है, इसी दिन भगवान शंकर का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था.

Mahashivratri 2023
Mahashivratri 2023

नई दिल्ली:महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार शिवरात्रि का व्रत निशीथव्यापिनी चतुर्दशी में रखा जाता है. इस बार शिवरात्रि महोत्सव 18 फरवरी 2023 शनिवार को होगा, प्रातः सूर्य उदय से रात्रि 8:02 बजे तक त्रयोदशी तिथि है, लेकिन रात्रि 8:02 बजे से चतुर्दशी आरंभ हो जाएगी. जिसमें भगवान शिव की पूजा, जागरण और रुद्राभिषेक आदि की मान्यता है. ईशान संहिता में लिखा है कि निशीथ काल में व्याप्त चतुर्दशी में ही ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव हुआ था, तभी से उस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है.

शिवलिंगतयोद्भूत: कोटिसूर्य समप्रभ:।तत्कालव्यापिनी ग्राह्यशिवरात्रिव्रते तिथि:।।

भवेद्यत्र त्रयोदश्यां भूतव्याप्ता महानिशा।

शिवरात्रिव्रतं तत्र कुर्याज्जागरणं तथा।।

सूर्योदय से सूर्यास्त तक त्रयोदशी हो और रात्रि में चतुर्दशी आ जाए तो निशिथ काल में व्याप्त चतुर्दशी का व्रत भी उसी दिन रखा जाएगा और व्रत का पारायण भी चतुर्दशी में ही करना चाहिए. यह मनुष्य को भक्ति और मुक्ति प्रदायक होता है. फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी शनिवार को है. शाम 5:41 तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र है, जिसमें राक्षस योग बनता है. तत्पश्चात शनिवार को शाम को श्रवण नक्षत्र आने पर स्थिर और सिद्धि योग बनेगा. इस योग में शिवरात्रि का व्रत एवं परायण बहुत ही सफलता दायक है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह व्रत समस्त मनुष्यों के लिए पुण्य फलदायक है. कुछ साधक गंगा से गंगाजल लाकर शिवलिंग पर अभिषेक करते हैं. रात्रि 8:02 बजे से चतुर्दशी आने पर ही शिवलिंग पर जलाभिषेक पूजन आरंभ होगा.

महाशिवरात्रि की पूजा विधि:प्रातः काल सूर्योदय से पहले जागरण करें, नित्य क्रिया के बाद स्नान करें और भगवान शिव के व्रत का संकल्प लें. घर के निकट किसी मंदिर में अथवा शिवलिंग पर दूध, दही, गंगाजल और पंचामृत से शिवलिंग पर अभिषेक करें. इसके साथ भगवान शिव को धतूरा, बेलपत्र, बेर के फल आदि चढ़ाएं. जलाभिषेक के पश्चात व्रती लोग फलाहार कर सकते हैं. शिवरात्रि के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति नियम संयम का पालन करें और सत्य का आचरण करें.

ये भी पढ़े:Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से मिलती है मोक्ष की प्राप्ति, पढ़ें कथा

रुद्राभिषेक से प्रसन्न होते हैं शि‍व जी:ओम नमः शिवाय का जाप करते रहें और शिव-पार्वती स्तुति प्रार्थना करें. शिवरात्रि के दिन कुछ व्यक्ति रुद्राभिषेक का आयोजन करते हैं. रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, जिससे लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दौरान भगवान शिव का गंगाजल के अतिरिक्त गन्ने का रस, दूध, दही, शहद, पुष्प आदि से अभिषेक कर सकते हैं. रात्रि को चतुर्दशी आने पर रात्रि जागरण, कीर्तन, नाम संकीर्तन आदि का आयोजन करें और भगवान का व्रत का परायण करें.

ये भी पढ़े:Mahashivratri विशेष : इन मंत्रों से करें भगवान शिव को प्रसन्न, दूर होंगे रोग-शोक

ABOUT THE AUTHOR

...view details