नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय की कल्चर काउंसिल द्वारा शताब्दी वर्ष समारोह के तत्वावधान में जादू शो का आयोजन किया गया. इसमें प्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर द्वारा जादू के विभिन्न रोचक करतब दिखाकर जरूरी संदेश भी दिया गया. अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने की.
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि शताब्दी वर्ष समारोह का यह साल बहुत ही जीवंत रहा है. इस साल जहां शताब्दी वर्ष को लेकर अनेकों आयोजन होते रहे हैं. वहीं नई नियुक्तियों और पदोन्नतियों ने भी विश्वविद्यालय को समृद्ध किया है. उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यक्रम की रूपरेखा से लेकर उसे बनाने और चलाने तक बहुत सारे लोगों की मेहनत होती है. उन्होंने साल भर चले विभिन्न कार्यक्रमों के सफल संचालन के लिए संबंधित सभी सदस्यों को बधाई दी.
जादू विज्ञान और कला का महान संगम है:डीयू कल्चर काउंसिल के अध्यक्ष अनूप लाठर ने कहा कि जादू विज्ञान और कला का महान संगम है. आज के विज्ञान और तकनीक के दौर में अंधविश्वास के प्रति जादू के माध्यम से वैज्ञानिक तर्क देकर जागरूक करना बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि यह शो प्रायोजित कार्यक्रम है. इसके लिए उन्होंने शो के प्रायोजकों अनिल मित्तल और एनबीसीसी का भी आभार जताया.
क्या बोले जादूगर:जादूगर सम्राट शंकर ने जादू के बारे में बताया कि जादू हाथ की सफाई है और सम्मोहन विद्या है. यह एक फाइन आर्ट और शुद्ध मनोरंजन है. उन्होंने उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि अपने कर्म पर विश्वास करें और अंधविश्वास के चक्करों में न पड़ें. उन्होंने कहा कि हम लोग जादू के शो के द्वारा अंधविश्वास को दूर करते हैं. जादू 64 कलाओं में एक कला है और हमारा मुख्य उद्देश्य है कि ये कला जिंदा रहे. उन्होंने अपने शो के दौरान जहां वाटर ऑफ इंडिया के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया तो वहीं लड़की को गायब करके कन्या भ्रूण हत्या के प्रति भी गहरा संदेश देने का प्रयास किया.
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