नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र (Shiv Shankar Jyotish Evam Vastu Anusandhan Kendra, Ghaziabad) के अध्यक्ष आचार्य शिव कुमार शर्मा (Acharya Shiv Kumar Sharma) के मुताबिक कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को गंगा स्नान का पर्व पूरे उत्तर भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस दिन वाराणसी समेत अन्य तीर्थ स्थानों में देव दीपावली का भी आयोजन किया जाता है.
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण पड़ रहा है. भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को 14:39 बजे से 18:19 बजे तक रहेगा. यह चंद्र ग्रहण विदेशों में पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जबकि भारत में उत्तर पूर्व दिशा में एवं सर्वप्रथम 4: 21 बजे ग्रस्तोदय होगा. जो बिहार, बंगाल, उड़ीसा, पूर्वोत्तर भारत में खग्रास और शेष भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा. शाम को चंद्रमा उदय के समय पर ग्रस्त होता हुआ दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण का सूतक प्रातः 8:29 बजे से आरंभ हो जाएंगे. सूतकों में बाल, वृद्ध, रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन और शयन नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को धारदार चाकू छुरी से फल सब्जी नहीं काटनी चाहिए. सुई से 11कपड़ा न सिलें. ईश्वर आराधना करते रहें. यद्यपि उदय कालीन पूर्णिमा 8 नवंबर को है. उस दिन चन्द्र ग्रहण भी है.
7 नवंबर को पूर्णिमा शाम 4: 16 बजे आरंभ होगी. कार्तिक पूर्णिमा उत्तर भारत में गंगा स्नान पर्व के रूप में मनाया जाता है. लाखों लोग गंगा में स्नान करते हैं किंतु इस बार प्रातः 8: 29 बजे से ग्रहण का सूतक आरंभ होगा और ग्रहण रात्रि 6:19 बजे समाप्त होगा. इसलिए गंगा स्नान के इच्छुक श्रद्धालु प्रातः 8:29 बजे से पहले स्नान कर सकते हैं. उसके पश्चात शाम को 18:19 बजे के बाद ग्रहण के बाद गंगा स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.
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चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव