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होली पर व्यापार का रंग फीका, देशभर के व्यापारियों को 35,000 करोड़ का नुकसानः CAIT

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Published : Mar 29, 2021, 7:33 PM IST

देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने वीडियो जारी कर जानकारी दी है कि इस बार कोरोना के चलते देश भर के व्यापारियों को 35000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

loss to indian traders on holi
कैट होली व्यापार अनुमान

नई दिल्लीः भारत त्योहारों का देश है और हर साल देश में होली तथा रंग पंचमी जैसे बड़े त्यौहार से ही त्यौहारों की श्रंखला शुरू होती है. साथ ही हर त्यौहार देश के व्यापारियों के लिए व्यापार के बड़े अवसर भी लाता है. बड़े शहरों की छोटी बस्तियों तथा विभिन्न राज्यों के छोटे शहरों, कस्बों एवं गांवों में हर त्यौहार की तरह होली का त्यौहार बेहद उल्लास और उमंग से मनाया जाता है.

देशभर के व्यापारियों को 35,000 करोड़ का नुकसानः कैट

बड़ी संख्या में जहां छोटी रिटेल की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती हैं, वहीं दूसरी ओर बड़े शहरों में थोक बाजारों में व्यापारी ग्राहकों का तांता लगा रहता है. लेकिन इस बार कोरोना के कारण केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कोविड दिशा निर्देशों के सख्ती से लागू होने के कारण देश भर के राज्यों को होली पर लगभग 35 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का बड़ा नुकसान सहना पड़ा है.

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'चीन को 10 हजार करोड़ रुपये का घाटा'

वहीं चीन को 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार का झटका सहना पड़ा है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी कर बताया कि विभिन्न राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं से हुई बातचीत के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस साल कोविड के चलते देश भर के व्यापारियों को होली और रंग पंचमी के त्यौहार पर लगभग 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के व्यापार का नुकसान हुआ है.

वहीं दूसरी ओर हजारों करोड़ों रुपये के होली के सामान का स्टॉक बिना बिक्री के अपने पास रखना पड़ रहा है. बता दें कि होली और रंग पंचमी का त्यौहार मूल रूप से उत्तर भारतीय राज्यों, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों में धूमृधाम से मनाया जाता है.

बता दें कि हर साल होली के त्यौहार पर बड़े स्तर पर ना सिर्फ पूरे देश भर में व्यापार होता था, बल्कि ग्राहकों की भीड़ बाजारों में उमड़ती थी. लेकिन इस साल ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला. वहीं होली के त्यौहार पर सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगने से भी व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है.

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