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LNJP के मॉनिटरिंग रूम में पहुंचा ईटीवी भारत, सैकड़ों कैमरे के जरिए चप्पे-चप्पे पर नजर - डॉ. सुरेश कुमार मेडिकल डायरेक्टर

एलएनजेपी अस्पताल के सभी 31 वार्ड्स में 760 कैमरे लगाए गए हैं और मॉनिटरिंग रूम से इनके जरिए अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर नज़र रखी जा रही है. ईटीवी भारत मॉनिटरिंग रूम से आपको अस्पताल की इस व्यवस्था से रूबरू करा रहा है.

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Published : Aug 17, 2020, 2:17 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 2:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल को अब पूरी तरह से कैमरों से लैस कर दिया गया है. कंट्रोल रूम में बैठकर ही अब कोई भी कैमरों की नजर से अस्पताल के चप्पे-चप्पे पर नजर रख सकेगा कि कहां क्या हो रहा है, कहां व्यवस्था में कमी है या कहां पर मेडिकल स्टाफ अपनी ड्यूटी ठीक तरह से नहीं कर पा रहे.

LNJP के मॉनिटरिंग रूम में पहुंचा ईटीवी भारत


31 वार्ड में 760 कैमरे

ईटीवी भारत एलएनजेपी के सीसीटीवी मॉनिटरिंग रूम तक पहुंचा और हमने अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार के जरिए इस पूरी व्यवस्था को समझने की कोशिश की. उन्होंने यह भी बताया कि इस नई व्यवस्था से क्या कुछ फायदा होगा. चार मंजिल वाले पुराने भवन और 7 मंजिला नए भवन को मिलाकर एलएनजेपी अस्पताल में कुल 31 वार्ड हैं. इसमें आइसीयू वार्ड भी शामिल हैं.

LNJP के मॉनिटरिंग रूम


सत्येंद्र जैन कर चुके हैं निरीक्षण

डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि इन सभी 31 वार्ड्स में कुल 760 कैमरे लगाए गए हैं. बीते करीब दो हफ्ते से ये सभी कैमरे पूरी तरह से फंक्शनल हैं. बीते दिनों ही दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी इसका निरीक्षण करने पहुंचे थे. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था के मद्देनजर ये कैमरे बेहद फायदेमंद साबित हुए हैं, क्योंकि इनके जरिए यही से पूरे अस्पताल की मॉनिटरिंग हो जाती है.


कैजुअल्टी की मॉनिटरिंग महत्वपूर्ण

डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि इन कैमरों के जरिए मॉनिटरिंग रूम से ही अब तक करीब हज़ार मरीजों को ट्रैक कर चुके हैं. इन कैमरों के जरिए सबसे महत्वपूर्ण काम होता है, कैजुअल्टी की मॉनिटरिंग. आपको बता दें कि कोरोना के कारण जब बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही थी, तब मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अस्पतालों को निर्देश दिया था कि कैजुअल्टी की व्यवस्था दुरुस्त की जाए और एम्बुलेंस के पहुंचने के साथ ही उसे सबसे पहले ऑक्सीजन दिया जाए.


अन्य गतिविधियों पर भी नज़र

एलएनजेपी अस्पताल में इसके मद्देनजर कैजुअल्टी में ही 25 बेड लगाए गए हैं और सभी वेंटिलेटर बेड हैं. यहां हर शिफ्ट में 8 डॉक्टर, 6 मरीज सहायक, 12 नर्सिंग स्टाफ और 12 वार्ड ब्वाय लगाए गए हैं. डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि इन सीसीटीवी कैमरों के जरिए हम यह पड़ताल करते रहते हैं कि किसी भी एम्बुलेंस के आने के एक मिनट के भीतर ही उसे कैजुअल्टी में पहुंचाया जा रहा है कि नहीं. साथ ही अस्पताल की अन्य गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है.

Last Updated : Aug 17, 2020, 2:41 PM IST

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