नई दिल्ली: कोरोना को लेकर अब तक जो जानकारी दुनिया के सामने थी. उसके मुताबिक ये वायरस बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों को जल्द अपना शिकार बनाता है. लेकिन अब जो नई जानकारी सामने आ रही है. उसके मुताबिक मोटे लोग भी इसके निशाने पर हैं और कोरोना मोटे लोगों को अपना शिकार बना रहा है.
एलएनजेपी में कोरोना के 30 प्रतिशत मरीज हैं मोटापे के शिकार - हाइपोवेंटिलेशन सिंड्रोम
'दिल्ली फाइट्स कोरोना' के मुताबिक अभी लोकनायक अस्पताल में करीब 412 कोरोना वायरस के मरीज भर्ती हैं. जिनमें से 59 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. इन कुल मरीजों में से 30 प्रतिशत यानि की करीब 123 मरीज ओवरवेट और मोटापे से ग्रस्त हैं. ऐसे मरीजों के इलाज में डॉक्टरों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
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अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि कोविड मरीजों में मोटापा या ओवरवेट एक बड़ी समस्या है. इसकी वजह से इलाज में समस्याएं भी आती हैं क्योंकि ये लोग पहले से कई तरह की बीमारियों की चपेट में हैं. व्यक्ति जितना ओवरवेट होता जाएगा और उसमें मोटापा बढ़ता जाए. उसमें बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ता जाएगा. हालांकि अस्पताल के डॉक्टर्स इनके इलाज पर खास ध्यान दे रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद मोटापा ग्रस्त लोगों में ज्यादा खतरा बना ही रहता है.
मोटे लोगों में पाया जाता है ये सिंड्रोम
डॉक्टरों के मुताबिक कुछ मोटापा ग्रस्त मरीजों में हाइपोवेंटिलेशन सिंड्रोम भी पाया जाता है. ये सांस से संबंधित समस्या है. जिसमें व्यक्ति के ब्लड में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है. इसे पिकविकियन सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है. ऐसे में व्यक्ति की मौत होने के भी चांस रहते हैं. इसे भी ध्यान में रखकर मरीज का इलाज किया जाता है.