नई दिल्ली:राजधानी मेंजी 20 शिखर सम्मेलन के लिए चल रहे कार्य और तैयारियों की समीक्षा के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक हुई. इस दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि जी-20 को लेकर चल रही सभी परियोजनाओं को अगले सात दिन में खत्म किया जाए, चाहे वह मूर्तियों, कलाकृतियों, फव्वारे को स्थापित करना हो या फिर रोशनी की व्यवस्था तथा गमले आदि रखना हो. हर चीज जांच अच्छे से हो, जिससे सम्मेलन के दौरान परिचालन सही तरीके से हो. उपराज्यपाल ने कहा कि जी 20 शिखर सम्मेलन ने दिल्ली को लोगों के लिए स्थायी संपत्ति बनाने का अवसर प्रदान किया है.
हुई ये तैयारियां: उपराज्यपाल ने जी 20 सम्मेलन के प्रमुख कार्यक्रम स्थल आईटीपीओ में निर्बाध बिजली आपूर्ति को लेकर जानकारी ली और बिजली विभाग के अधिकारियों से इसे गड़बड़ी मुक्त बनाने के लिए मॉक ड्रिल करने और आईटीपीओ के अधिकारियों से सामंजस्य बनने को कहा. बैठक में अधिकारियों ने उन्हें बताया कि किसी भी आपातकालीन चिकित्सा स्थिति के लिए सभी सरकारी अस्पताल पूरी तरह से तैयार और सुसज्जित हैं.
मेडिकल टीमें तैयार: हर अस्पताल में तीन टीमों के साथ डॉक्टरों और प्रशिक्षित चिकित्साकर्मियों की कुल 80 टीमें हैं. सम्मेलन के आयोजन के दौरान 70 उन्नत और 60 पूरी तरह से सुसज्जित एंबुलेंस सेवा में लगाई जाएंगी. निजी अस्पतालों को भी खुद को तैयार रखने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए सभी टीमों का सत्यापन हो चुका है और मेडिकल किट भी तैयार हैं. शिखर सम्मेलन स्थल और सभी निर्दिष्ट होटलों में जहां गणमान्य व्यक्ति ठहरेंगे, वहां भी एंबुलेंस तैनात की जाएगी.
फायर सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए: बैठक में उपराज्यपाल ने प्राथमिकता के आधार पर सभी निर्दिष्ट होटलों का फायर सेफ्टी ऑडिट जल्द से जल्द पूरा करने का भी निर्देश दिया. इसमें अग्निशमन अधिकारियों ने उपराज्यपाल को बताया कि कुल 66 फायर टेंडर तैयार रखे गए हैं. आईटीपीओ में पांच फायर टेंडर तैनात रहेंगे और कुछ फायर टेंडर स्टेंडबाई पर भी रहेंगे. विभिन्न होटलों के लिए 23 वाहन निर्धारित किए गए हैं और अग्निशमन अधिकारियों को क्षेत्रवार नियुक्त किया जाएगा.