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29 सशस्त्र बल के जवानों को मिला वीरता और विशिष्ट सेवा पदक, LG ने किया सम्मानित

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Published : Dec 7, 2019, 7:34 AM IST

राज निवास में कुल 29 सशस्त्र बल के जवानों को वीरता और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया. एलजी ने इस अवसर पर सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों का देश के लिए संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की.

LG Honors 29 Armed Forces Personnel on Armed Forces Flag Day
सशस्त्र बल 29 कर्मी सम्मानित

नई दिल्ली:उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को राजनिवास में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र के 29 सशस्त्र बल के जवानों (सेवा और सेवानिवृत) को सम्मानित किया. इन जवानों को राष्ट्रपति ने वीरता पुरस्कार और विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा है. इस अवसर पर उपराज्यपाल ने राज्य सैनिक बोर्ड की 'फ्लैग डे' पुस्तिका भी जारी की.

LG ने वीरों को दिया सम्मान

इस अवसर पर सीएम अरविन्द केजरीवाल, दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली के राजस्व विभाग के प्रधान सचिव, दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारीगण भी उपस्थित थे.

एलजी ने वीरों के प्रति श्रद्धा प्रकट की
राज निवास में कुल 29 सशस्त्र बल के कर्मियों को वीरता और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया. जिसमें 09 जवानों को वीरता पुरस्कार और 20 को विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त है. एलजी ने इस अवसर पर देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए दिए गए सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों के बलिदान के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की.


सैनिक बोर्ड डोनेशन कैम्प की शुरूआत
इस अवसर पर उपराज्यपाल ने दिल्ली राज्य सैनिक बोर्ड के डोनेशन कैम्प की भी शुरूआत की और उन्होंने दिल्ली के नागरिकों से आग्रह किया कि पूर्व सैनिकों और युद्ध में शहीद सैनिकों की विधवाओं के कल्याण के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में उदारता से दान करें.

वीरता और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित

सर्वाधिक योगदान के लिए 2 स्कूल भी सम्मानित
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस धन का उपयोग पूर्व सैनिकों के कल्याण और उनके पुर्नस्थापन के लिए किया जाएगा. जिसमें युद्ध हताहतों के साथ-साथ उनके परिवार भी शामिल हैं. उन्होंने 2018-19 के दौरान दिल्ली राज्य सशस्त्र बल झंडा दिवस में सबसे अधिक योगदान करने वाले दो स्कूलों को भी सम्मानित किया.

सशस्त्र सेना झंडा दिवस
बता दें कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस पूरे देश में सन् 1949 से मनाया जाता है. ये अवसर हमें सशस्त्र बलों के उन बहादुर जवानों को सम्मानित करने का मौका देता है जो कि देश की सीमा की रक्षा और अखंडता के लिए अपना बलिदान देते हैं. ये अवसर हमें सशस्त्र बलों के साथ अपनी एकजुटता को व्यक्त करने के साथ-साथ युद्ध में अक्षम सैनिकों, उनकी विधवाओं और आश्रितों के प्रति हमारे दायित्व की भी याद दिलाता है.

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