नई दिल्ली:दिल्ली के नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 सालों में दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर कोई नियुक्ति नहीं हुई, जो शर्मनाक है. इस दौरान LG ने 1500 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया.
दिल्ली के विज्ञान भवन में बुधवार को आयोजित समारोह में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि उन्हें दिल्ली का उपराज्यपाल बने 10 महीने पूरे हो गए हैं. पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री से शिष्टाचार मुलाकात के समय उन्होंने सबसे पहले यही पूछा था कि दिल्ली में कितने पद खाली है? तब मैंने करीब 35 हजार पद खाली होने की बात कही थी. उपराज्यपाल ने बताया कि पीएम ने इन पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने की बात कही थी.
15 हजार लोगों को मिली नौकरी: उपराज्यपाल ने कहा कि इसको लेकर मुख्य सचिव के साथ मीटिंग की गई, जिसके बाद नियुक्तियों को लेकर शुरू हुई प्रक्रिया में तेजी आई थी. 10 महीने के अंदर 15 हजार लोगों को नौकरी दी गई. उन्होंने नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहा कि यह नियुक्ति पत्र नहीं शपथ पत्र है. जिन्हें भी नियुक्ति पत्र मिला है, वह सरकार का हिस्सा बनने जा रहे हैं. कोई भी पद छोटा नहीं होता. उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति उसे छोटा या बड़ा बनाता है. हमारी कोशिश थी कि परीक्षा बिल्कुल पारदर्शी तरीके से हो.
सरकारी नौकरी समाज सेवा का मौका:उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले फरवरी में 1,200 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया था. यह संभव हो सका क्योंकि मुख्य सचिव और दिल्ली अधीनस्थ चयन सेवा समिति ने मेहनत से काम किया. सरकारी नौकरी सिर्फ आजीविका का साधन नहीं होना चाहिए. यह समाज की सेवा करने का एक मौका है. उन्होंने नियुक्त पत्र पाने वाले लोगों को बधाई देते हुए कहा कि हमें ईमानदारी से काम करने के लिए किसने रोका है. यह नियुक्ति पत्र साधारण नहीं है.