नई दिल्ली:कोरोना के खिलाफ दिल्लीवासियों ने जून के महीने में बहुत मुश्किल जंग लड़ी. कोरोना वायरस के मामले में जून का महीना काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. महीने की शुरुआत में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामले, टेस्ट की लगातार कमी और अस्पतालों में भर्ती होने के लिए धक्के खाने से हुई. तो महीने के बीच में आते-आते टेस्टिंग बढ़ी और साथ ही महीने के खत्म होते-होते अस्पतालों में बेड की समस्या भी थोड़ी कम हुई. राजधानी में कोरोना संक्रमण का ग्रोथ रेट भी कम होने लगा.
जून का महीना दिल्लीवालों के लिए था उतार-चढ़ाव भरा, कोरोना से हुई थी खराब स्थिति
दिल्ली में कोरोना का असर पहले से अब थोड़ा कम हुआ है. बीते जून महीने की बात करें तो कोरोना मामलों में तेजी देखी गई साथ ही कोरोना टेस्टिंग भी कम हुई. वहीं अब स्थिति में सुधार आया है.
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेषज्ञों ने आशंका जताई थी कि जुलाई में कोरोना वायरस पीक पर होगा और जुलाई अंत में दिल्ली में कोरोना के मामले साढ़े 5 लाख तक पहुंच सकते हैं. एक सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना वायरस 4 जुलाई को पीक पर होने का दावा किया गया है. इस दिन एक्टिव केस 45 हजार से भी ज्यादा होने की बात कही गई थी, जबकि अभी दिल्ली में कोरोना वायरस के 26,270 एक्टिव केस हैं. इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री और दिल्ली के गृह मंत्री दोनों ने भी साफ कर दिया है कि फिलहाल ग्रोथ रेट को देखकर ऐसा नहीं लगता कि जुलाई के अंत तक आंकड़ा साढ़े पांच लाख तक पहुंचेगा.
बीते दिनों दिल्ली में यूं कम होता गया इंफेक्शन रेट
दिन | इंफेक्शन रेट (प्रतिशत में) | |
1. | 23 जून | 23.80 |
2. | 24 जून | 19.87 |
3. | 25 जून | 19.58 |
4. | 26 जून | 16.13 |
5. | 27 जून | 15.37 |
6. | 28 जून | 14.38 |
7. | 29 जून | 12.89 |
8. | 30 जून | 12.80 |