नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और बीजेपी के बीच में चल रहे राजनीतिक घमासान के चलते सियासी पारा पूरे तरीके से गरमाया हुआ है. वहीं बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजधानी दिल्ली में बिजली बिल पर मिल रही सब्सिडी को लेकर एक बड़ी घोषणा भी की गई. दिल्ली में गरमाया सियासी माहौल हो या अन्य बड़े मुद्दे सभी महत्वपूर्ण विषयों के ऊपर नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बेबाकी से अपनी राय रखी.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे रामवीर सिंह बिधूड़ी (Leader of Opposition in Delhi Ramvir Singh Bidhuri) ने स्पष्ट तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) और दिल्ली सरकार को राजधानी दिल्ली में बिगड़े हालातों, विकास की रुकी हुई रफ्तार और नागरिकों को हो रही परेशानी के लिए सीधे तौर पर ना सिर्फ जिम्मेदार ठहराया बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए (Ramvir Singh Bidhuri targeted Kejriwal).
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जिस तरह से बिजली बिल पर सब्सिडी के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा कर लोगों से आवेदन मांगे हैं यह सरासर गलत है. दिल्ली में 60 लाख के आसपास बिजली कंज्यूम करने वाले उपभोक्ता हैं. इन सभी लोगों से आवेदन भरवाना नामुमकिन था आखिर यह लोग आवेदन क्यों करें. यदि इस तरह की चीज करनी थी तो ऐसा करते कि जिसको बिजली बिल पर सब्सिडी नहीं चाहते, वह व्यक्ति फॉर्म भरे सभी लोगों से फॉर्म भरवाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. 2020 विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के द्वारा दिल्ली के नागरिकों को मुफ्त बिजली 200 यूनिट तक मुहैया कराई गई थी. लेकिन अब उनके द्वारा कहा जा रहा है कि अगर मुफ्त बिजली या सब्सिडी चाहिए तो आवेदन करना होगा तो पूरी तरीके से नौटंकी है. केजरीवाल सरकार द्वारा बिजली बिलों पर मनमाने फिक्स्ड चार्ज लगाकर लूटा जा रहा है. आज जो बिजली कंपनियों के कर्मचारियों को पेंशन और मुफ्त बिजली मिल रही है, उसका भुगतान दिल्लीवासियों की जेब से हो रहा है.
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अरविंद केजरीवाल के गुजरात दौरे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात दौरे में जिस तरह से चीजें सामने आ रही हैं, वह सीधे तौर पर उनके द्वारा किये जा रहे नाटक का एक हिस्सा है. दिल्ली में तो आज तक केजरीवाल एक बार भी ऑटो में नहीं घूमे, मुख्यमंत्री को अपने घर से दफ्तर या दिल्ली में कहीं भी जाना है तो ऑटो का प्रयोग करें. यदि मुख्यमंत्री के पास ऑटो नहीं है तो जो भाजपा विधायक दल उनको ऑटो गिफ्ट करेगा. एक ऑटो में मुख्यमंत्री बैठें एक अन्य ऑटो पायलट करने वाली टीम को दिया जाएगा साथ ही एक ऑटो उनको एस्कॉर्ट करने के लिए और एक ऑटो उनके निजी सचिव को भी दिया जाएगा. गुजरात में सिक्योरिटी और गाड़ी नहीं चाहिए तो दिल्ली में भी सिक्योरिटी और गाड़ी क्यों चाहिए मुख्यमंत्री को.
दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल पर अपनी बात रखते हुए नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी (Leader of Opposition in Delhi Ramvir Singh Bidhuri) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) पर ना सिर्फ जमकर हमला बोला, बल्कि कई गंभीर आरोप लगाने के साथ दिल्ली सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पोल भी खोली. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में बड़ी संख्या में टीचरों की कमी है, स्कूलों में ना तो साइंस की पढ़ाई होती है और ना ही वहां प्रिंसिपल मौजूद हैं. जहां तक अस्पतालों की बात की है तो मुख्यमंत्री आज तक राजधानी में एक भी नया अस्पताल नहीं बनवा पाए हैं और ना ही एक भी नया कॉलेज और स्कूल बनाया है. अस्पताल के हालातों को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार के खस्ताहाल अस्पतालों पर सवाल उठाए हैं. दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक में जो डॉक्टर और बाकी का स्टाफ नियुक्त किया गया है, उनकी योग्यता ही पूरी नहीं है. हालातों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के राजीव बंद सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में हार्ट का स्टंट डलवाते वक़्त 235 लोगों की मृत्यु हो गई है.