नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में यमुना नदी की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. अक्सर यमुना की बदहाल तस्वीरें सामने आत रहती है. इसके उत्थान को लेकर सरकारी तौर पर कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं अब सामाजिक स्तर पर भी इसको लेकर बड़ी मुहिम चलाई जा रही है. यमुना संसद के तत्वधान में यमुना के प्रति जन भागीदारी सुनिश्चित करने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए वजीराबाद से कालिंदी कुंज के बीच करीब 22 किलोमीटर तक सभी महत्वपूर्ण यमुना घाटों पर मानव श्रृंखला बनाई गई. इसमें धार्मिक, राजनीतिक, व्यापारिक, सामाजिक, आरडब्ल्यूए, शैक्षणिक, सांस्कृतिक क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों और आम लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. कार्यक्रम की शुरुआत यमुना नदी के पूजन से की गई.
वजीरावाद में लोगों ने हिस्सा लियाःउत्तरी दिल्ली के वजीराबाद घाट पर बड़ी संख्या में लोग यमुना किनारे पहुंचे. यहां लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर यमुना को बचाने के लिए एकजुटता प्रदर्शित की. साथ ही लोगों ने शपथ ली कि वे यमुना को अब मैला नहीं करेंगे और नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए काम करेंगे. अब एक बार फिर से हजारों साल पहले वाला यमुना का पुराना स्वरूप दिखेगा.
ITO घाट पर यमुना संसद का आयोजनःयमुना के अलग-अलग घाटों पर यमुना संसद का आयोजन किया गया. इस दौरान हजारों की संख्या में लोगों ने मानव श्रृंखला बना कर यमुना को स्वच्छ रखने में एकजुटता का संदेश दिया. इस कार्यक्रम में अलग अलग राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हुए. आइटीओ के छठ घाट पर आयोजित यमुना संसद में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ धर्मगुरु भी मौजूद रहे.
नेताओं की प्रतिक्रियाःदिल्ली सरकार के प्रयावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यमुना संसद में दिल्ली के सभी राजनीतिक, धार्मिक व्यापारिक संगठनों ने हिस्सा लिया है. इस कार्यक्रम का मकसद सरकारी प्रयास के अलावा लोगों को भी जागरूक करना है, ताकि समाज के लोग भी अपने स्तर पर सहयोग करें. वहीं वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार के यमुना की सफाई के दावे सबके सामने हैं. जब सरकार काम नहीं करती, तब जन आंदोलन होता है. आज इसकी शुरुआत हुई है. उम्मीद है कि यमुना साफ और स्वच्छ होगी.
कालिंदी कुंज घाट पर लोगों की भागीदारीः कालिंदी कुंज यमुना घाट पर भी बड़ी संख्या में रविवार सुबह से लोग एकत्रित हुए और यमुना के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की. यमुना संसद में भाग लेने वाले लोगों ने बताया कि यमुना के प्रति लोगों की जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए यहां पर मानव श्रृंखला बनाई गई है. दिल्ली के वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज के बीच मानव श्रृंखला के लिए बनाए गए 8 पॉइंट पर एकत्रित हुए और मानव श्रृंखला बनाई. लोगों ने सरकार से मांग की कि यमुना की बदहाल स्थिति को ठीक किया जाए ताकि यमुना स्वच्छ निर्मल होकर अविरल होकर बह सके.
मैली क्यों है यमुनाः दिल्ली के 8 बड़े नालों के जरिए 350 लाख लीटर से ज्यादा गंदा पानी प्रतिदिन सीधे यमुना में बहाया जाता है. यमुना की सफाई के लिए डीडीए, दिल्ली जल बोर्ड, डीयूएसआईबी, डीएसआईआईडीसी, डीपीसीसी और कई अन्य एजेंसियां काम कर रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार की मानें तो वर्ष 2025 तक यमुना को हर हाल में साफ कर देंगे. लेकिन एक्शन में वह तेजी नहीं दिख रही जो होनी चाहिए.