नई दिल्ली : दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. चार दिनों तक चलने वाली इस छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. लाखों श्रद्धालुओं ने यमुना के किनारे अस्ताचलगामी सूर्य को 'पहला अर्घ्य' दिया.
दो साल के बाद इस बार राजधानी दिल्ली में आस्था के महापर्व छठ का लोगों के बीच गजब का उत्साह दिख रहा है. आईटीओ स्थित छठ घाट पर आस्था के महापर्व की अदभुत अकल्पनीय मनमोहक छवि देखने को मिल रही है. लगभग 1 लाख से ज्यादा लोगों ने आईटीओ की छठ घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की. कल सुबह छठ वर्तियों द्वारा उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जिसके बाद छठी मैया की पूजा संपन्न होगी.
दिल्ली में इस बार छठ पूजा पर 1100 कृत्रिम घाटों का निर्माण करवाया गया है. ताकि छठ पूजा करने में श्रद्धालुओं को परेशानी न हो. हालांकि, इस बार छठ पूजा पर यमुना के घाटों पर जाने से रोक लगाए जाने के कारण लोग ना खुश भी दिखे.
छठ पूजा से यश, धन, वैभव की प्राप्तिःमान्यता के अनुसार, संध्या अर्घ्य देने और सूर्य की पूजा अर्चना करने से जीवन में तेज बना रहता है और यश, धन, वैभव की प्राप्ति होती है. शाम को अस्ताचलगामी सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया जाता है, इसलिए इसे संध्या अर्घ्य कहा जाता है. इसके पश्चात विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. संध्या को अर्घ्य देने के लिए छठ व्रती पूरे परिवार के साथ घाटों की ओर रवाना होते हैं. इस दौरान पूरे रास्ते व्रती दंडवत करते जाते हैं. सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले रास्ते भर उन्हें जमीन पर लेटकर व्रती प्रणाम करते हैं. दंडवत करने के दौरान आस-पास मौजूद लोग छठव्रती को स्पर्श कर प्रणाम करते हैं, ताकि उन्हें भी पूण्य की प्राप्ति हो सके.