नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई तक जारी रहेगा. लॉकडाउन का समय बढ़ने के साथ प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने की जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ गई है. वहीं लॉकडाउन-4 के जरिए सभी पैसेंजर ट्रेन बंद रहेंगी और श्रमिक ट्रेन, स्पेशल ट्रेन और मालगाड़ियों का ही संचालन किया जाएगा. ईटीवी भारत से खास बातचीत में इन्होंने बताया की कैसे रजिस्ट्रेशन से लेकर घर जाने तक की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है.
दिल्ली में फंसे मजदूर करा रहे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन इस लिंक पर हो रहा रजिस्ट्रेशन
दिल्ली में फंसे प्रवासी मजदूर और लोग अपने राज्यों में जाने के लिए http://epass.jantasamwad.org/train/passenger लिंक पर क्लिक कर अपनो रजिस्ट्रेशन करवा सकते है. दिल्ली की पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से सोमवार को कुल 6 श्रमिक रेलगाड़ियां जा रही हैं. इन्हीं गाड़ियों के लिए दिल्ली की अलग-अलग जगहों से मजदूरों को बसों में लाया गया है. यह वहीं मजदूर हैं, जो पिछले 2 महीने से दिल्ली सरकार के रैन बसेरों में स्कूल-कॉलेजों में और कई अपने घरों में भी रह रहे थे.
ऐसे मजदूरों ने करा रजिस्ट्रेशन
- 1 हफ्ते पहले किया रजिस्टर
वाराणसी जा रहे संदीप बताते हैं कि उन्होंने 1 हफ्ते पहले दिल्ली सरकार के लिंक पर खुद को रजिस्टर किया था. मैसेज के जरिए उन्हें बताया गया कि 17 तारीख को उन्हें अपनी मेडिकल चेकअप के लिए पहुंचना है. जानकारी के मुताबिक ही वो बीते दिन अपने सेंटर के पास एक नई जगह पर मेडिकल चेकअप के लिए पहुंच गए. यहां से उनके जैसे अन्य लोगों को और संदीप को भी आज पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन रेलगाड़ी के लिए लाया गया है.
- मदद लेकर कराया रजिस्ट्रेशन
इसी तरह सोमपाल भी वाराणसी ही जाना चाह रहे थे. ऑनलाइन लिंक कि उन्हें जानकारी नहीं है. लेकिन जिस सेंटर में वो रुके हुए थे, वहां के लोगों ने उनका रजिस्ट्रेशन कराया और अब वह अपने घर जा पा रहे हैं. सोमपाल कहते हैं कि यह प्रक्रिया बहुत आसान है लेकिन अगर कोई इंटरनेट और ऑनलाइन चीजों के बारे में नहीं समझता है, तो वह दूसरों की मदद ले सकता है. सभी लोग अपने घर जाने की जानकारी से खुश हैं.
इससे पहले श्रमिकों की रजिस्ट्रेशन को लेकर तमाम शिकायतें भी मिल रही थी. लोगों के दिमाग में एक सवाल यह भी था कि मजदूर लोग अपना रजिस्ट्रेशन भला कैसे कर पाएंगे. हालांकि खुद मजदूरों का ही कहना है कि दिल्ली सरकार के सेंटरों में इस विषय में उन्हें बताया जा रहा है. ये जरूर है कि अब वो बेरोजगार हैं, लेकिन इनमें से कुछ दोबारा दिल्ली लौट कर आना चाहते हैं.