नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में घूमने के लिए लोग लालकिला, कुतुबमीनार, हुमायूं का मकबरा सहित अन्य धरोहर पर जाते हैं. यहां आकर लोग इन धरोहर का इतिहास समझने का प्रयास करते हैं. इन धरोहर पर संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) दिल्ली की तरफ से किया जाता है. आज हम आपको एक ऐसे चर्चित गेट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका इतिहास आपने कभी न कभी पढ़ा होगा, लेकिन आज से 10 साल पहले ऐसा क्या हुआ कि इस चर्चित गेट पर एएसआई को ताला लगाना पड़ा. इस गेट का नाम है शेरशाह सूरी गेट, जो पुराना किला और चिड़ियाघर के ठीक सामने है. यह मथुरा रोड पर स्थित है.
इतिहास के पन्नो में दर्ज इस गेट के बारे में कहा जाता है कि यह दिल्ली के 13 दरवाजों में से एक है. ग्रांड ट्रंक रोड बनवाने वाले और हुमायूं को युद्ध में कड़ी टक्कर देकर भारत में सूरी साम्राज्य का विस्तार करने वाले शेरशाह सूरी ने बनवाया था. पिछले 10 साल से यहां पर ताला लगा है. आइए जानते हैं आखिर ताला लगाने की वजह...
एएसआई दिल्ली सर्कल के पूर्व अधिकारी अनुराग बताते हैं कि साल 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेल का आयोजन चल रहा था. उन दिनों दिल्ली के स्मारकों को संवारा जा रहा था. क्योंकि राष्ट्रमंडल खेलों में विदेशी मेहमान भी आए थे. इसलिए शेरशाह सूरी गेट पर भी संरक्षण का कार्य तेज कर दिया गया. इसके दो साल बाद साल 2012 में दिल्ली में हुई तेज बारिश की वजह से शेरशाह सूरी गेट, जिसे लाल दरवाजा भी कहा जाता था. यह क्षतिग्रस्त हो गया.
एएसआई ने गेट को बचाने के लिए ईंट की लंबी एक दीवार खड़ी कर दी. जिससे इस गेट को बचाया गया. उन्होंने बताया कि इसके बाद साल दर साल इस गेट पर संरक्षण कार्य हुए, लेकिन कभी भी संरक्षण कार्य पूरा नहीं हो पाया. उन्होंने इसके पीछे कई कारण गिनाए. साल 2020 तक इस गेट का लगभग 90 फीसद कार्य हो गया है. ऐसा मौजूदा समय में एएसआई अधिकारी बताते हैं. हालांकि इसके बाद कोरोना महामारी के चलते संरक्षण कार्य रोक दिए गए.
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10 साल से दर्शकों को है इंतजार