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कोरोना: आइसोलेशन कोच के अंदर पहुंचा ETV Bharat, देखिए क्या-क्या सुविधाएं है मौजूद - facility in isolation coach

आनंद विहार टर्मिनल पर रेलवे द्वारा लगभग 4200 कोविड आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है. कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या और बेड की कमी को देखते हुए पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने यह घोषणा की थी.

Arrangement of 4200 Kovid Isolation Beds at Anand Vihar Terminal
आनंद विहार टर्मिनल पर 4200 कोविड आइसोलेशन बेड की व्यवस्था

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Published : Jul 1, 2020, 3:10 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या और बेड की कमी को देखते हुए पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने यह घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार को 8000 रेलवे आइसोलेशन बेड दिए जाएंगे. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने आनंद विहार टर्मिनल पर खड़े आइसोलेशन कोच का जायजा लिया और जाना कि मरीजों के लिए वहां क्या कुछ सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी.

आनंद विहार टर्मिनल पर 4200 कोविड आइसोलेशन बेड की व्यवस्था
एक बोगी में 16 बेड

आनंद विहार टर्मिनल पर रेलवे द्वारा लगभग 4200 कोविड आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है. टर्मिनल के सभी सातों प्लेटफार्म पर आइसोलेशन कोच खड़े किए गए हैं, तो वहीं कुछ बोगियां आनंद विहार रेलवे यार्ड में भी खड़े किए गए हैं. यह सभी बोगियां स्लीपर क्लास की है और प्रत्येक बोगी में 16 मरीजों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए प्रत्येक कंपार्टमेंट के दोनों लोअर बर्थ पर बेड की व्यवस्था की गई है और सभी बोगी में ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके.


बाथरूम में किया गया है बदलाव

आमतौर पर ट्रेनों में नहाने की व्यवस्था नहीं होती है. लेकिन आइसोलेशन कोच में एक बाथरूम को स्नानघर में तब्दील किया गया है. मरीजों को नहाने में दिक्कत ना हो इसलिए कोच के एक बाथरूम को स्नानघर में तब्दील किया गया है और वहां सभी सुविधाएं भी रेलवे द्वारा उपलब्ध कराई गई है.


खिड़की पर लगाए गए हैं जाल

आइसोलेशन कोच में मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसका पूरा ध्यान रेलवे द्वारा रखा गया है. मरीजों को मच्छरों से बचाने के लिए प्रत्येक कंपार्टमेंट में ऑलआउट लगाए गए हैं तो वहीं सभी खिड़कियों पर भी जाली लगाई गई है ताकि मच्छर कंपार्टमेंट के भीतर ना आ सके.


गर्मी से बचाने के लिए किए गए इंतजाम

गर्मी के दिनों में आमतौर पर स्लीपर कोच में रुकना मुश्किल होता है लेकिन एसी कोच में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है तो ऐसे में रेलवे ने स्लीपर कोचेस को आइसोलेशन कोच में तब्दील किया है. मरीजों को ज्यादा गर्मी ना लगे इसके लिए हर कोच के ऊपर विशेष प्रकार की कोटिंग की गई है ताकि आइसोलेशन कोच ठंडे रह सके.

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