नई दिल्ली: कोरोना वायरस से बचाव के लिए सेनेटाइजर का इस्तेमाल जरूरी बताया गया है, लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से बहुत दिक्कतें भी हो सकती हैं. सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना सुविधाजनक तो है, लेकिन बार-बार इसे हाथों में लगाने से त्वचा रूखी हो जाती है. इसी के साथ कई रिसर्च के मुताबिक सेनेटाइर के ज्यादा इस्तेमाल से हमारा इम्यून सिस्टम भी खराब हो सकता है. इसको लेकर जानिए अपोलो हॉस्पिटल के डर्मोटोलोजी डिपार्टमेंट के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. डीएम महाजन का क्या कहना हैं.
सेनेटाइजर का इस्तेमाल शरीर को पहुंचा सकता है नुकसान खुशबू वाले सेनेटाइजर से होता नुकसान
सेनेटाइजर में फैथलेट्स नाम का एक केमिकल खुशबू के लिए मिलाया जाता है. अगर सेनिटाइजर में इसकी मात्रा जाता हो तो ये शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. ये लिवर, किडनी, फेफड़े और रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर गहरा असर डाल सकता है.
हो सकती है स्कीन एलर्जी
हैंड सेनेटाइजर में विषैले तत्व और बेंजाल्कोनियम क्लोराइडहोता है, जो कीटाणुओं और बैक्टीरिया को हाथों से बाहार निकाल देता है. यह हमारी त्वचा के लिए अच्छा नहीं होता है. इससे त्वचा में जलन और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
पेट्रोलेटम वाले मौस्चोराइजर का करें इस्तेमाल
डॉ. डीएम महाजन बताते हैं कि अगर आप सेनेटाइजर के जगह साबुन का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उसमे भी आपको सावधानी बरतनी होगी. कई साबुन ऐसे होते हैं, जिसमे ट्राइकोसिल एसिटेट (Tricosyl acetate) होता है. ऐसे साबुन को एंटीसेप्टिक के तौर पर प्रचारित किया जाता है, लेकिन इसमें मौजूद ट्राइकोसिल एसिटेट हाथ पर मौजूद गंदे बैक्टीरिया के साथ ही अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देता है. इससे साबुन का असर खत्म होने के बाद हाथ पर गंदे बैक्टीरिया पहले से ज्यादा मात्रा में आ सकते हैं. जो आपके स्कीन के लिए अच्छा नहीं होता. इसलिए उनका सुझाव है कि साबुन या सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने के बाद पेट्रोलेटम वाले मौस्चोराइजर का इस्तेमाल जरूर करें.