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दिनभर में 20 सिगरेट पीने जितनी खतरनाक है NCR की हवा, प्रदूषण से कैसे लड़े, जानें

दिल्ली एनसीआर के अधिकतर इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार कर चुका है. कई इलाके ऐसे भी हैं जहां प्रदूषण स्तर 400 के पार है. प्रदूषण से क्या कुछ नुकसान होते हैं, प्रदूषण से कैसे एहतियात रखनी चाहिए, इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने वरिष्ठ चिकित्सक प्रोफेसर डॉक्टर बीपी त्यागी से बातचीत की.

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खतरनाक है NCR की हवा

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Published : Oct 27, 2022, 10:29 PM IST

Updated : Nov 1, 2022, 6:41 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिवाली के बाद दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण (Pollution Level In NCR) का दौर शुरू हो गया है. अधिकतर इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) 300 पार कर चुका है तो वहीं कई इलाके भी हैं जहां पर प्रदूषण स्तर 400 के पार है. एनसीआर की हवा में लगातार घुल रहे प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी (respiratory distress), आंखों में जलन समेत कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वरिष्ठ चिकित्सक प्रोफेसर डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि मौजूदा समय में प्रदूषण के कई कारक (Many Factors of Pollution) हैं. दिल्ली एनसीआर में वाहनों, आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला प्रदूषण और कंस्ट्रक्शन वर्क आदि प्रदूषण के मुख्य कारक है. आतिशबाजी से प्रदूषण बढ़ गया है. यह कहना ठीक नहीं होगा. क्योंकि प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई मुख्य कारण है. मौजूदा समय में हवा की सुस्त रफ्तार के चलते प्रदूषण छट नहीं रहा है.

खतरनाक है NCR की हवा

उन्होंने कहा कि हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के बढ़ने के कारण प्रदूषण बढ़ने लगता है. लोगों को Sinusitis और Bronchioles से संबंधित बीमारियों के बारे का सामना करना पड़ता है. लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने पर अस्थमा का खतरा भी मंडराने लगता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक होने पर लोगों के लिए खतनाक साबित हो सकता है. प्रदूषित हवा में सांस लेना मानो सिगरेट पीने के बराबर है. यदि कोई व्यक्ति दिनभर प्रदूषित हवा में रहता है तो इसका मतलब है कि उसने 20 सिगरेट जितना धुआं इन्हेल किया है.

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डॉ त्यागी बताते हैं कि प्रदूषण के इस दौर में मास्क लगाना काफी कारगर साबित हो सकता है. यदि multi-layer मास्क लगाया जाए तो प्रदूषण से काफी हद तक खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है. घर के अंदर प्रदूषण मौजूद रहता है. ऐसे में एयर फिल्टर का प्रयोग कर उसको कम किया जा सकता है. जो लोग पहले से स्वास्थ संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें इस दौर में विशेष तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है.

प्रोफेसर त्यागी बताते हैं कि प्रदूषण छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है. छोटे बच्चों को स्कूल जाते समय और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलते वक्त काफी एहतियात बरतने की जरूरत है. जरूरत होने पर घर से निकले. यदि ज्यादा जरूरी नहीं तो घर पर ही रहे. प्रदूषण के असर को कम करने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पी सकते हैं. पानी में नींबू, पुदीना, अदरक आदि डालकर पी सकते हैं. कीवी, अनार आदि भी खा सकते हैं. कीवी और अनार में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं.

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Last Updated : Nov 1, 2022, 6:41 AM IST

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