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सीरो सर्वे का तीसरा चरण: इस बार क्या है अलग, देखिए सैंपलिंग की प्रक्रिया

दिल्ली में तीसरे चरण का सीरो सर्वे शुरू हो चुका है. इस बार की सैंपलिंग पिछले दो सर्वे से काफी अलग है. ईटीवी भारत आपको एक सैंपलिंग कलेक्शन सेंटर के अंदर से सैंपलिंग की प्रक्रिया से रूबरू करा रहा है. इस खबर में जानिए कैसे सेंटर में सीरो सर्वे किया जाएगा.

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Published : Sep 2, 2020, 1:34 PM IST

Updated : Sep 2, 2020, 2:38 PM IST

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ETV भारत के जरिए देखिए सीरो सर्वे में कैसे हो रही सैंपलिंग प्रक्रिया

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में 1 सितंबर से सीरो सर्वे का तीसरा चरण शुरू हो चुका है. इसके लिए दिल्ली के सभी वार्ड और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) व दिल्ली कैंट के इलाके को मिलाकर 280 हिस्सों से सैंपल लिए जा रहे हैं. तीसरे चरण के सीरो सर्वे का सैंपल साइज 17 हजार लोगों का है. वहीं, इस बार अलग यह है कि जिला स्तर के बजाय वार्ड स्तर पर सैंपलिंग हो रही है.

देखिए सीरो सर्वे में कैसे हो रही सैंपलिंग प्रक्रिया

तैनात आशा-एएनएम

पूरी दिल्ली में जिला स्तर पर आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं को सीरो सर्वे के लिए लोगों को जागरूक करने के काम में लगाया गया है. ये लोगों के घरों तक जाकर उन्हें इस सर्वे की अहमियत बताते हैं और उनके इलाके के सैंपल कलेक्शन सेंटर की जानकारी देते हैं. उत्तरी जिले के मॉडल टाउन इलाके में एक सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाया गया है. यहां हमें काफी लोग सीरो सर्वे के लिए अपना सैंपल देते नजर आए.

भरवाया जा रहा कंसेंट फॉर्म

इस कलेक्शन सेंटर की इंचार्ज डॉ. कुसुम अरोड़ा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि यहां सैंपलिंग में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. सैंपल लेने से पहले लोगों से कंसेंट फॉर्म भरवाया जा रहा है, वहीं उनका नाम, पता, पेशा पूछा जा रहा है. वहीं, यह जानकारी भी ली जा रही है कि उन्हें पहले से कोई बीमारी तो नहीं है और वे कंटेंमेंट जोन में रह रहे हैं या नहीं.

'एक परिवार से एक व्यक्ति का सैंपल'

डॉ. कुसुम अरोड़ा ने बताया कि इस सर्वे में सिर्फ वे ही लोग सैम्पल दे सकते हैं, जो दिल्ली के हों या कम से कम छह महीने से दिल्ली में रह रहे हों. यह रैंडम सैंपल है, लेकिन एक परिवार से एक व्यक्ति ही सैंपल दे सकता है. इस बार सैंपल साइज में आयु वर्ग के अनुसार बदलाव भी किया गया है.

पहले सैंपल में 25 फीसदी की हिस्सेदारी 5 से 17 साल के आयु वर्ग वालों की होती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया गया है. इसके अलावा 50 फीसदी सैंपल, 18 से 49 आयुवर्ग के लोगों का लिया जाएगा, जबकि 30 फीसदी हिस्सेदारी 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की होगी. आपको बता दें कि दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट में यह सामने आया था कि ज्यादा एंटीबॉडी 5 से 17 साल के आयुवर्ग के लोगों में डेवलप हुई है और इसीलिए इस बार इनके ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं.

5 सितंबर तक होगी सैंपलिंग

पहले और दूसरे चरण के सीरो सर्वे में जो लोग अपना सैंपल दे चुके हैं, वे इस तीसरे चरण के सीरो सर्वे में अपना सैंपल नहीं देंगे. यहां सैंपल दे रही ट्विंकल बजाज ने बताया कि वे कोरोना की गंभीरता के मद्देनजर यह जानना चाहतीं हैं कि उनमें एंटीबॉडी डेवलप हुई है या नहीं. इस सर्वे के लिए 5 सितम्बर तक सैंपल लिया जाएगा और सैम्पलिंग खत्म होने के करीब 10 दिन बाद इसकी रिपोर्ट आएगी.

'जून-जुलाई में हुआ था पहला सर्वे'

आपको बता दें कि इससे पहले 27 जून से 10 जुलाई के बीच दिल्ली में पहले चरण का सीरो सर्वे हुआ था, इसमें 21 हजार लोगों के सैंपल लिए गए थे और इसकी रिपोर्ट में दिल्ली के 23.48 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी का पता चला था. वहीं, 1 से 5 अगस्त के बीच दिल्ली में दूसरे चरण का सीरो सर्वे किया गया.


दूसरे चरण के सीरो सर्वे में 15 हजार लोगों के सैंपल लिए गए और इसकी रिपोर्ट में पता चला कि एंटीबॉडी की पहुंच दिल्ली के 29.1 फीसदी लोगों तक हो गई है. देखने वाली बात होगी कि कोरोना के मद्देजनर दिल्ली की स्थिति को लेकर तीसरे चरण के सीरो सर्वे की रिपोर्ट क्या कहती है.

Last Updated : Sep 2, 2020, 2:38 PM IST

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