नई दिल्ली: दिल्ली में बीते एक सप्ताह के दौरान यहां स्थित मशहूर पार्क काफी चर्चा में है. गणतंत्र दिवस से ठीक पहले राष्ट्रपति भवन परिसर में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान हुआ. उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में कुलपति कार्यालय के समीप स्थित मुगल गार्डन का नाम भी बदल दिया गया. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या मुगल काल या ब्रिटिश काल में दिल्ली में विकसित अन्य पार्कों के भी क्या नाम बदले जाएंगे, इस पर फैसला लेने वाले एजेंसी फिलहाल ऐसी प्रस्ताव आने से इनकार कर रही है, लेकिन इस बहाने पार्कों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. तो आइए हम बताते हैं दिल्ली के कुछ ऐसे पार्कों के बारे में जो दुनियाभर में मशहूर है.
कोरोनेशन पार्क:दिल्ली के कई लोकप्रिय पार्कों में से एक है कोरोनेशन पार्क. दिल्ली की प्राचीनता और ऐतिहासिक पहचान को प्रदर्शित करते इस पार्क की स्थापना 1911 में ब्रिटिश सत्ता द्वारा बुराड़ी के समीप की गई थी. यह पार्क दिल्ली के दरबारी संस्कृति के लिए मशहूर है. जहां पर्यटकों को दिल्ली की अनोखी ऐतिहासिक मूल्यों की अनुभूति होती है.
कोरोनेशन पार्क को इसकी ऐतिहासिक महत्व के चलते जाना जाता है. इसकी स्थापना 1877 में उस समय किया गया जब ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को भारत की महारानी बनाया गया था. तब यह दिल्ली दरबार का एक स्थल था. इसके अतिरिक्त इस स्थल का प्रयोग 1903 में किंग एडवर्ड सप्तम के समय उनके प्रवेश का जश्न मनाने के लिए भी किया गया था. किंग जॉर्ज पंचम का जब 1911 में भारत के सम्राट के रूप में उनका आगमन भारत में हुआ, उस समय उनके राज्याभिषेक के लिए भी इसी स्थान का चयन किया गया था. दिल्ली के इसी कोरोनेशन पार्क के मैदान में इनके राज्याभिषेक के लिए सजाया गया था. ऐसा माना जाता है कि उस उत्सव में भारत के सभी रियासतों के राजा मौजूद थे.
दिल्ली के स्थापित यह कोरोनेशन पार्क अपनी इन्हीं ऐतिहासिकता के महत्व की वजह से जाना जाता है. इस पार्क के बीचोंबीच एक स्मारक ओबेलिस्क को स्थापित किया गया है, क्योंकि इसी स्थान पर किंग जॉर्ज पंचम 1911 में बैठे थे. पार्क को रंग बिरंगे फूलों के बगीचों से सजाया गया है. इसके चारों ओर बड़े-बड़े पेड़ों को लगाकर एक अनूठी पहचान देने का प्रयास किया गया है. पार्क के बीच में किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति भी स्थापित की गई है, जिसके चारों ओर कई किस्म के फूलों के बगीचे लगाए गए हैं.
गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज:दिल्ली का एक खूबसूरत पार्क गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज तमाम खूबसूरत पार्कों में से एक है. इस पार्क की स्थापना 2003 में दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम द्वारा दिल्ली के महरौली क्षेत्र में की गई. इस पार्क की संरचना का निर्माण वास्तुकार प्रदीप सचदेवा द्वारा किया गया. पार्क के निर्माण में कुल लागत करीब 11 करोड़ आई थी. तीन साल बाद यह पार्क बनकर लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ.
इस पार्क की विशेषताओं की बात करें तो यह दिल्ली के चट्टानी इलाकों में स्थित है, जिस कारण यहां प्राचीन इतिहास की झलकियां देखने को मिलती है. इस गार्डन की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए यहां कई तरह के कृत्रिम चीजों को बनाई गई हैं. इनमें मुख्य रूप से पानी के शानदार झरने, पुल, मुगल गार्डन की तर्ज पर निर्मित फूलों के बगीचे, जड़ी बूटियों के बगीचे आदि है. यहां की सुंदरता को बढ़ाने इसे और अधिक सुंदर बनाने के लिए पेड़ों की संरचना पर अधिक ध्यान दिया गया है.
गार्डन ऑफ फाइव सेंसेजका अर्थ जो पांचों इंद्रियों को मोह लेता है. इंद्रियों को मोहित करने को ध्यान में रखकर ही इसकी संरचना का निर्माण किया गया. पर्यटक को प्रकृति को छूने, सुनने, सूंघने और देखने का अवसर देती है. पार्क की खासियत को देखते हुए का नाम गार्डन ऑफ़ फाइव सेंसेस रखा गया है.