नई दिल्ली: स्कूलों में बच्चों को इनोवेटिव तरीके से पढ़ाने और सिखाने से उनका विकास काफी तेजी से होता है. बच्चों की सीखने की क्षमता बढ़ती है और लर्निंग आउटकम भी अच्छा आता है. यह मानना है शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले पीपल एनजीओ की फाउंडर एवं सीईओ कृति भरूचा का. उन्होंने बताया कि पीपल संस्था अभी दिल्ली और मध्य प्रदेश में काम कर रही है. इसके माध्यम से दिल्ली और मध्य प्रदेश के लाखों बच्चों और हजारों शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है.
जीता राष्ट्रमंडल शिक्षा पुरस्कार:कृति भरूचा ने बताया कि पीपल ने मध्य प्रदेश में सीएम राइज टीचर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत 'रिथिंकिंग एजुकेशन फॉर इनोवेशन' के लिए राष्ट्रमंडल शिक्षा पुरस्कार जीता. इस प्रोग्राम के तहत करीब एक लाख स्कूलों में तीन लाख शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है. इस अवार्ड के लिए यूके, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया सहित सभी 56 राष्ट्रमंडल देशों से 2,462 आवेदन किए गए थे, जिनमें से शिक्षा नवाचार श्रेणी में पीपल को विजेता घोषित किया गया था. विजेता की घोषणा अप्रैल 2022 में राष्ट्रमंडल शिक्षा मंत्रियों के 21वें सम्मेलन में की गई थी, जिसकी मेजबानी केन्या के नैरोबी में की गई थी. इसमें बहामास, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, किरिबाती, न्यूजीलैंड आदि के शिक्षा मंत्रियों के साथ कृति भरूचा ने भारत में नवाचार का प्रतिनिधित्व किया था.
निगम स्कूल की बदल दी सूरत: पीपल के पहले अनुकरणीय स्कूल, दिल्ली नगर निगम को-एड प्राइमरी स्कूल, लाजपत नगर 3 को नवाचार श्रेणी में विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कारों के शीर्ष 10 में सूचीबद्ध किया गया था. इसकी घोषणा, यूके स्थित टी4 एजुकेशन द्वारा आयोजित जुलाई 2022 में एक वैश्विक चयन प्रतियोगिता में की गई थी. कृति ने बताया कि पीपल, नगर निगम के स्कूलों में पारंपरिक तरीके के साथ ही शिक्षण की नई तकनीकों और नवाचार का प्रयोग कर बच्चों को पढ़ा रहा है. संस्था सरकारी स्कूलों के साथ भागीदारी करके शिक्षण कार्य करती है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देना है. कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया थम गई थी, तब भी तकनीकी मध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा था.