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कैब चालक की हत्या कर लूट ली थी गाड़ी, क्राइम ब्रांच ने 2 आरोपियों को दबोचा

क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार 26 दिसंबर 2019 को निजामुद्दीन अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. अदालत के आदेश पर इस मामले को तीन मार्च 2020 को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में ट्रांसफर किया गया.

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कैब चालक की हत्या कर लूट ली थी गाड़ी

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Published : Sep 14, 2020, 9:06 PM IST

नई दिल्ली:सराय काले खां से लापता हुए एक कैब चालक की गुत्थी को क्राइम ब्रांच ने सुलझा लिया है. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने कैब चालक की हत्या कर उसकी गाड़ी एवं मोबाइल लूट लिया था. पुलिस ने लूटा गया मोबाइल भी एक शख्स के पास से बरामद कर लिया है.

कैब चालक की हत्या कर लूट ली थी गाड़ी
क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार 26 दिसंबर 2019 को निजामुद्दीन अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. अदालत के आदेश पर इस मामले को तीन मार्च 2020 को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में ट्रांसफर किया गया. पुलिस को पता चला कि इस मामले में 2 दिसंबर 2019 को कृपा शंकर तिवारी का अपहरण हुआ है जो ओला कैब चलाता था. इस मामले की जांच एसीपी एसके गुलिया की देखरेख में पुलिस टीम ने शुरू की. छह 6 महीने तक इस मामले में कोई सुराग नहीं मिला लेकिन इसके बावजूद पुलिस टीम के प्रयास जारी रहे.


मोबाइल से कातिलों तक जा पहुंची पुलिस

हाल ही में उन्हें पता चला कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी में मृतक का मोबाइल चल रहा है. पुलिस की टीम राजेंद्र के पास पहुंची और उसे पकड़ लिया. उसके पास से कृपा शंकर का मोबाइल बरामद हुआ. पूछताछ के दौरान राजेंद्र ने बताया कि उसे अशफाक ने यह मोबाइल दिया था. इस जानकारी के बाद राजेन्द्र को छोड़ दिया गया. पुलिस को पता चला कि वह लूट के मामले में मध्य प्रदेश जेल में बंद है. पुलिस टीम ने प्रोडक्शन वारंट पर उसे गिरफ्तार किया. उसने पुलिस को बताया कि ग्वालियर के रहने वाले रामधार के साथ मिलकर उसने कृपाशंकर की हत्या कर दी थी. इस जानकारी पर पुलिस ने रामधर को भी गिरफ्तार कर लिया.



लूट के मकसद से की हत्या

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि दो दिसंबर 2019 को उन्होंने सराय काले खां से कृपा शंकर की कैब ली थी. रास्ते में जेवर के पास उन्होंने चालक की हत्या कर दी और उसके शव को आगरा में फेंक दिया था. इसके बाद उसकी गाड़ी एवं मोबाइल लेकर वह फरार हो गए थे. पुलिस ने इनकी निशानदेही पर उस जगह को चिन्हित किया गया. जहां उन्होंने शव को फेंका था. वहां से पता चला कि एक अज्ञात शव लोकल पुलिस को मिला था. इसकी तस्वीर से मृतक की शिनाख्त हो गई है.

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