पटना:बिहार के पटना वाले खान सर यूट्यूब की दुनिया के चर्चित शिक्षकों में से एक हैं. उनका यूट्यूब चैनल खान जीएस रिसर्च सेंटर (Khan GS Research Centre) काफी लोकप्रिय है. इसके करीब दो करोड़ से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. खान सर करेंट अफेयर्स और जीएस के टॉपिक को इतनी आसानी से समझाते हैं कि हर कोई उनके पढ़ाने का दीवाना है. दरअसल, खान सर पढ़ाते वक्त अपने स्टूडेट्स से ठेठ देसी बिहारी अंदाज में बात करते हैं.
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पटना वाले खान सर की रोचक कहानी :खान सर की लोकप्रियता इसी से समझी जा सकती है कि उनके हर वीडियो को देखने वालों की संख्या लाखों में है. खान सर का वीडियो कुछ ही घंटों में वायरल हो जाता है. वीडियो पुराना हो या फिर नया, खान सर के वीडियो को लोग बार बार देखते है. खान सर का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वे बताते है कि बचपन में मैं बहुत बदमाश था. मेरी मम्मी मुझसे परेशान रहती थी. पहले मोबाइल नहीं था. हमलोग गुल्ली डंडा खेलते थे. रोज किसी न किसी से झगड़ा होता था. मेरी मम्मी परेशान रहती थी कि ये करेगा क्या जिंदगी में. बचपन में पेंसिल का भी हिसाब रखना पड़ता था. एक पेंसिल आती थी. आधा-आधा मिलता था.
फौज में जाने का सपना टूटा :खान सर ने आगे बताया कि, आठवीं पास करने के बाद फौज में जाना चाहता था. 9वीं में सैनिक स्कूल इंट्रेस की परीक्षा दी, लेकिन सलेक्ट नहीं हुए. उसके बाद पॉलिटेक्निक में दिए तो रैंक अच्छा नहीं आया. मैट्रिक के बाद इंटर किए, फिर एनडीए की परीक्षा दी. जिससे फौज के बारे में जानने को मिला. लेकिन फौज में जाने का सपना टूट गया. मेडिकल में फिटनेस बाधा बना. हाथ थोड़ा सा टेढ़ा निकल गया था. इसके बाद आईआईटी की परीक्षा के दिन तो नींद आ गई थी.
'तीन दोस्तों ने थामा खान सर का हाथ' : खान ने पिछले दिनों को याद करते हुए कहा कि, पैसे की भी दिक्कत थी. इस परेशानी में मेरे तीन दोस्त सोनू, पवन और हेमंत ने मेरा साथ दिया. इन लोगों को जो पॉकेट मनी मिलती थी, जिसे ये तीनों मुझे दे देते थे. इनमें से मेरे एक दोस्त हेमंत की भी घर की हालत ठीक नहीं थी. हेमंत ने सुक्षाव दिया कि क्यों न बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया जाय. एक लड़के के घर जाकर उसे ट्यूशन देने लगा. लड़का कमजोर था. लेकिन जब पढ़ाया तो वो क्लास में टॉप कर गया. उसके घरवाले खुश हो गए.
'दोस्तों ने कहा चलो कोचिंग में बच्चों को पढ़ाते है' : खान सर कहते हैं कि, इसके बाद दोस्तों ने कहा चलो कोचिंग में बच्चों को पढ़ाते है. पहले दिन 6 बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. इसके बाद 10, 50 100 बच्चे पढ़ते गए. सब परेशान. कोचिंग वाला खूब पैसा कमाना पड़ा. मेरा टाइटल उन्हें पता था तो वहां मुझे खान सर टाइटल मिल गया. वहां पढ़ाते रहे. लेकिन कोचिंग वालों को पैसा दिखता था. लेकिन मुझे बच्चों का भविष्य. इसके बाद मैंने वहां छो़ड़ दिया.
'वो मेरा मेरा कोचिंग सेंटर हड़प लेना चाहते थे' : इसके बाद यहां आकर कुछ पार्टनर्स की मदद से खान जीएस रिसर्च सैंटर खोला. यहां भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. पार्टनर्स मेरा मेरा कोचिंग सेंटर हड़प लेना चाहते थे. मैं परेशान हो गया. मेरे पॉकेट में 40 रुपये थे, जबकि घर जाने का किराया 90 रुपये था. समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें. इसी परेशानी में निराश होकर गंगा किनारे जाकर बैठ गया. जब घर लौटा तो दरवाजा खटखटाया. काफी देर बाद जब दरवाजा खुला तो दोस्तों ने पूछा कितना बजा है. घड़ी देखा तो ढा़ई बजे थे. समय कैसे बीत गया पता ही नहीं चला.
'एक दिन किसी ने कोचिंग पर बम फोड़ दिया' :इसके बाद मैंने सोच लिया कि मुझे एक नई शुरुआत करनी है. फिर कुछ ऐसे शुरू हुआ @khangsresearchcentre की शुरुआत. इसके बाद भी दुश्वारी कम नहीं हुई. लेकिन अपने पुराने स्टू़्डेट्स की मदद से कोचिंग को आगे बढ़ाया. एक दिन किसी ने कोचिंग पर बम फोड़ दिया. पटना छोड़ने का मत बना लिया. लेकिन बच्चों ने हिम्मत दी. छात्रों ने कहां सर आप कोचिंग शुरू कीजिए हम आपके साथ है. और फिर हम तमाम मुश्किलों के बीच आगे बढ़ते गए.
कौन हैं खान सर? :बता दें कि जीएस के टॉपिक को देसी अंदाज में समझाने के लिए खान सर बिहार-यूपी समेत पूरे देश में मशहूर हैं। वह अपने यूट्यूब चैनल 'Khan GS Research Centre' पर करेंट अफेयर्स या जीएस विषय पर वीडियो बनाकर डालते रहते हैं. खान सर का असली नाम क्या है. यह पहेली से कम नहीं है. वे कभी अपना नाम फैसल खान बताते हैं तो कुछ लोग उन्हें अमित सिंह बताते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खान का जन्म दिसंबर, 1993 में यूपी के गोरखपुर में हुआ. इसका जिक्र कई बार खान सर कर चुके हैं.