दिल्ली बीजेपी की प्रेस वार्ता नई दिल्ली: दिल्ली में बीजेपी और दिल्ली सरकार के बीच जुबानी जंग जारी है. जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी हर रोज केंद्र सरकार को घेरने में जुटी रहती है. वहीं, दिल्ली बीजेपी की तरफ से भी लगातार केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. ताजा मामला सीएम अरविंद केजरीवाल के बंगले से जुड़ा है. बीजेपी ने मंगलवार शाम प्रेस वार्ता कर सीएम केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि आज सामने आए एक स्टिंग ऑपरेशन ने दिल्ली की जनता के साथ ही भारतीय जनता पार्टी को भी स्तब्ध किया है. एक बार फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की संवेदनहीनता को दर्शाया है. आज यह स्थापित हो गया है कि अरविंद केजरीवाल घर में नहीं शीशमहल में रहते हैं. हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने शीशमहल को जनता को देखने के लिए सार्वजनिक रूप से खोलें. दिल्ली की जनता को इनकी सच्चाई का पता चले. कहा कि अरविंद केजरीवाल इसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकारें और आपना इस्तीफा दें.
इस मामले पर दिल्ली बीजेपी ने देर शाम एक प्रेस वार्ता की. जिसमें नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, दिल्ली बीजेपी नेता हरीश खुराना के साथ बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर कपूर भी मौजूद रहे. रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि 2020 से 2022 के कोविड काल में अनेक विकास कार्य धन के अभाव में सरकारों ने स्थगित कर दिये थे, पर आज सामने आए स्टिंग ऑपरेशन से दिल्लीवाले स्तब्ध हैं. उस कोविड काल में सीएम केजरीवाल ने अपने घर और ऑफिस दोनों के सौंदर्यकरण पर 44.78 करोड़ रुपये खर्च किये.
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कोविड काल के पीक पर 1 सितंबर 2020 से लेकर 30 दिसंबर 2021 का 16 माह का वक्त ऐसा था, जब बड़े से बड़ा उद्योग-व्यापार भी मंदी की मार झेल रहा था. दिल्ली सरकार का राजस्व आधे से भी कम पर आ गया था. और दिल्ली सरकार ने धन के अभाव में विकास कार्य ही नहीं बल्कि अनेक राहत कार्य रोक दिये थे. इन 16 माह के दौरान अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने घर एवं ऑफिस पर लगभग 45 करोड़ रुपया खर्च करना उनकी संवेदनहीनता का एक बड़ा प्रमाण है.
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के बंगले में आर्टिस्टिक ऑर्नामेन्टल कामों के साथ ही अन्य सौंदर्यकरण पर 11 करोड़ से अधिक के खर्च की बात सुनकर दिल्लीवाले आज यह सोच रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री का आवास कितना बड़ा और भव्य है. क्योंकि आज भी 11 करोड़ में दिल्ली में एक अच्छा खासा बंगला बन जाता है. दिल्ली वाले स्तब्ध हैं कि बंगले में 2.58 करोड़ रुपये बिजली की फिटिंग पर तो 1.10 करोड़ रुपये रसोई बनाने में कैसे लग गए. क्योंकि सवाल फिर वही है कि इतने रुपयों में तो आज भी दिल्ली में एक छोटा मकान या अच्छे पॉस एरिया में फ्लैट बन जाता है.
यह समझ से परे है कि आखिर वह 3 अलमारियां कैसी होंगी जिनको बनाने पर 25 लाख रुपये खर्च किये गए. सामने आई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के आवास पर उनके माता-पिता के लिए बनी अलमारी की लागत लगभग 12 लाख तो उनके पुत्र के लिए बनी अलमारी की लागत 8 लाख एवं बेटी के लिए बनी अलमारी पर लगभग 4 लाख रुपये खर्च किये गए.
इसी तरह उनके बच्चों के टॉयलेट के सौंदर्यीकरण पर 15 लाख रुपये खर्च किये गए. अरविंद केजरीवाल आज दिल्ली की जनता के प्रति जवाबदेह हैं कि कोविड काल में जब अधिकांश लोक विकास कार्य ठप थे तो उन्होंने अपने बंगले के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये किस नैतिक अधिकार पर खर्च किये.
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