नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी की महिलाओं के लिए मेट्रो और बसों में मुफ्त सवारी की योजना का ऐलान किया. इसे पूरी तरह से विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि केजरीवाल सरकार इससे साफ इंकार करती रही है.
'आंकड़े असमानता बयां करते हैं'
इस योजना को लेकर मेट्रो द्वारा भेजे गए प्रस्ताव से उत्साहित अरविंद केजरीवाल ने इस चर्चा पर विराम लगाने की कोशिश की. केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जेंडर इक्वालिटी को किताब से इतर धरातल पर उतारने के लिए ये योजना लाई गई है. उन्होंने कहा कि महिला-पुरूष के बीच के जो आंकड़े हैं वो ठीक नहीं हैं.
केजरीवाल ने कहा कि देश भर में कामकाजी महिलाओं का आकंड़ा 24 फीसद है तो वहीं दिल्ली में सिर्फ 11 फीसद महिलाएं कामकाजी हैं. दिल्ली सरकार की इस योजना से कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ेगी.
'फ्री मेट्रो से घरों में बचत होगी'
केजरीवाल कहते हैं कि अगर कोई ये सवाल उठाता है कि सिर्फ महिलाओं को मुफ्त सवारी क्यों, पुरुषों को क्यों नहीं? इस योजना का विरोध करने वालों की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो आदमी इसका विरोध करते हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि जो भी महिलाएं हैं, वो या तो आपकी बेटी हैं, आपकी मां हैं, आपकी बहन हैं या आपकी बीवी हैं.