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Delhi Flood: बाढ़ प्रभावित हर परिवार को 10 हजार देगी केजरीवाल सरकार, 18 जुलाई तक MCD के स्कूल बंद

रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा कर CM अरविंद केजरीवाल ने मुआवजा राशि का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित हर परिवार को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे. जिनका ज्यादा नुकसान हुआ है उनके लिए बाद में राहत पैकेज का ऐलान किया जाएगा. वहीं, एमसीडी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थित एमसीडी स्कूलों को 17 और 18 जुलाई को बंद रखने का नोटिस जारी किया है.

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Published : Jul 16, 2023, 9:57 PM IST

नई दिल्लीःरविवार कोमुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद करेगी. ट्वीट कर बताया कि मैंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. देखा कि कुछ लोगों का पूरा सामान और घर तबाह हो गया है. कुछ लोगों को कम नुकसान हुआ है. जिन लोगों का ज्यादा नुकसान हुआ है, उनकी सहायता के लिए सरकार जल्द घोषणा करेगी. हर बाढ़ पीड़ित परिवार को दस हजार रुपये प्रति परिवार देंगे. जिनके जरूरी कागजात पानी में बह गए हैं, कैम्प लगाकर उनके कागजात बनाए जाएंगे. एमसीडी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थित एमसीडी स्कूलों को 17 और 18 जुलाई को बंद रखने का नोटिस जारी किया है.

उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की किताबें-ड्रेस बह गई हैं, उनके लिए दोबारा किताब व ड्रेस का इंतजाम किया जाएगा. यमुना किनारे रहने वाले कई बेहद गरीब परिवारों का काफी नुकसान हुआ है. कुछ परिवारों का तो पूरे घर का सामान बह गया. बाढ़ से दिल्ली में करीब 40 हजार से अधिक लोग बेघर हुए हैं. दिल्ली सरकार ने जगह-जगह राहत शिविर बनाए हैं. इसमें 26,000 लोग रह रहे हैं.

BJP ने केजरीवाल पर लगाए गंभीर आरोपःवहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बाढ़ की स्थिति अगर आई है तो वह सिर्फ अरविंद केजरीवाल की लापरवाही का नतीजा है. वह अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं और वह हर आपदा को राजनीति तौर पर इस्तेमाल करते हैं. भाजपा मांग करती है कि केजरीवाल की लापरवाही के कारण जो 25,000 से अधिक लोग सड़कों के किनारे सोकर अपनी रात गुजारने को मजबूर हैं उन्हें सरकार अविलम्ब आर्थिक मदद देने की घोषणा करें.

यह भी पढ़ेंः बाढ़ राहत कैंप में एक महिला की मौत, बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को ठहराया जिम्मेदार

लेखी ने कोरोना के समय को याद करते हुए कहा कि दिल्ली ने देखा है कि किस तरह से जब कोरोना का समय था उस वक्त अरविंद केजरीवाल ऑक्सीजन, भोजन, दवाईयां से लेकर हर जरूरत की चीजें केंद्र सरकार से मांगते दिखे थे. जबकि, अपनी तरफ से उन्होंने कोई व्यवस्था नहीं की थी. उन्होंने हथिनी कुंड बैराज से 1978 से अब तक यमुना में छोड़े गए पानी की पूरी डिटेल देते हुए कहा कि अब तक दिल्ली में सबसे ज्यादा 2013 (8.06 लाख क्यूसेक) और 2019 में (8.2 लाख क्यूसेक) पानी आया है, लेकिन आज तक ऐसी स्थिति नहीं हुई. जबकि इस बार सिर्फ 3.6 लाख क्यूसेक पानी से ही दिल्ली के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति आ गई.

यमुना की सफाई पर खर्च हुए रुपए की जांच होः मीनाक्षी लेखी ने कहा कि नदी में सिल्ट के कारण जो भराव होता है, उसके लिए उसे ड्रेनिंग का होना जरूरी है, लेकिन वह नहीं किया गया. अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में खुद इस बात को स्वीकारा है. उन्होंने लिखा था कि गोताखोर टीम ने पानी के नीचे से सिल्ट कंप्रेसर द्वारा निकाली. फिर हाईड्रा क्रेन से गेट को खींचा गया. जल्द ही पांचों गेट खोल दिए जाएंगे. उन्होंने मांग की कि यमुना की सफाई पर फ्लड कंट्रोल द्वारा खर्च किए गए 6,800 करोड़ रुपए की जांच होनी चाहिए.

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