नई दिल्ली: दिल्लीवासियों के लिए राहत भरी खबर. मंगलवार को दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में वन टाइन सेटेलमेंट योजना को मंजूरी मिल गई. अब योजना को कैबिनेट में रखा जाएगा, वहां से स्वीकृति मिलते ही लागू हो जाएगी. इसके बाद लोग अपने बकाया बिल को एक बार जमा कर छुट पा सकते हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना के दौरान लोगों की मीटर की रीडिंग नहीं हो पाई थी. इसके कारण पुराना बिल नए बिल में आ गया है. दिल्ली में 27.6 लाख पानी के उपभोक्ता है. इसमें से 11.7 लाख उपभोक्ताओं के ऊपर पानी का बिल बकाया है. इनके ऊपर करीब 5737 करोड़ रुपये बकाया है. उन्होंने कहा कि लोग वन टाइम सेटलमेंट योजना के जरिए पानी का बिल भर सकते हैं.
माह के हिसाब से बांटा जाएगा बिलः उन्होंने सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली सरकार वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लेकर आई है. इससे लोगों को काफी पायदा होगा. जिन लोगों की दो या दो से अधिक ओके रीडिंग है या इससे कम होगी, उनके बिल की रीडिंग को माह के हिसाब से बांटा जाएगा. जिन लोगों की एक से या एक से कम ओके रीडिंग होगी, तो बीच वाले मीटर रीडिंग से एवरेज निकाला जाएगा. एवरेज लेकर महीनों में अगर बिल नहीं भरा है तो उन सब को उस महीनों में डाल देंगे.
केजरीवाल ने कहा कि जिन लोगों के 1 या 1 से कम बिल रीडिंग है, तो उसके पड़ोसियों को देखकर औसत बिल के हिसाब से उसे महीने का भुगतान करना होगा. ऐसा करने से दिल्ली के सात लाख उपभोक्ताओं के बिजली बिल जीरो हो जाएगा. अभी इसे जल बोर्ड ने अपनी मीटिंग में पास किया है. अब इसे कैबिनेट में लाया जाएगा. एक अगस्त से इसे यह सुविधा लोग लाभ उठा सकेंगे. उन्होंने कहा है कि करीब 11 लाख उपभोक्ताओं में से आधे उपभोक्ताओं का बिल 20 आएगा. इस स्कीम से आम जनता को बहुत फायदा होगा और उनके ऊपर से एक बोझ भी कम हो जाएगा.
BJP ने साधा निशानाःवहीं, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल सरकार के दौरान दिल्ली जल बोर्ड सफेद हाथी बन गया है. एक ओर यह भ्रष्टाचार और राजस्व की चोरी का स्रोत है, वहीं दूसरी ओर यह उपभोक्ताओं को भी लूट रहा है और परेशान कर रहा है. पिछले 5 वर्षों के दौरान केजरीवाल सरकार हर साल जल उपभोक्ताओं के लिए तथाकथित वन टाइम बिल सेटेलमेंट योजनाएं लेकर आई, लेकिन इसके बावजूद असंतुष्ट उपभोक्ताओं की संख्या कम नहीं हुई है.
साल 2017-18 से आज तक अगर हम मुख्यमंत्री या जल मंत्री की घोषणाओं को याद करें तो हर साल होने वाली घोषणाओं में पीड़ित उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 11 लाख ही रहती है. वास्तव में समस्या यह है कि डीजेबी ने स्वचालित वायु प्रवाह जल मीटर स्थापित किए हैं, जो उपभोक्ताओं द्वारा पानी के पंपों को चालू करने पर बिलों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं. जिसके परिणामस्वरूप बिलों पर विवाद होता है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज कहा कि हमने डेटा चेक किया है, जिसमें कहा गया है कि सेटलमेंट स्कीम के बाद 7 लाख उपभोक्ताओं के बिल जीरो हो जाएंगे, अगर यह सच है तो केजरीवाल फॉर्मूले की बाजीगरी क्यों कर रहे हैं, दिल्ली के सीएम को ऐसे 7 लाख उपभोक्ताओं के लिए जीरो बिल की घोषणा करनी चाहिए.