नई दिल्ली:राजधानी में एमसीडी घोटाले के आरोपों के बाद अब दिल्ली जल बोर्ड में आरोपों को लेकर सियासत तेज हो गई है. दिल्ली बीजेपी की तरफ से दिल्ली जल बोर्ड में 26 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया गया है. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार से 26,000 करोड का हिसाब मांगा. इसी कड़ी में आरके आश्रम मेट्रो स्टेशन के बाहर दिल्ली बीजेपी की तरफ से दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन जताया गया.
केजरीवाल सरकार पर 26 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप दिल्ली जल बोर्ड ने नहीं दिया 26 हजार करोड़ का हिसाब
प्रदर्शन के दौरान दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता, उपाध्यक्ष अशोक गोयल और पहाड़गंज वार्ड नंबर 93 की निगम पार्षद बबीता वरिजा समेत बीजेपी के तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे. जिन्होंने दिल्ली सरकार पर दिल्ली जल बोर्ड को करीब 50 हजार करोड़ का लोन देने की बात कही. साथ ही 26 हजार करोड रुपए का हिसाब नहीं देने का आरोप लगाया. आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास जब जल बोर्ड आया था तब यह विभाग लगातार फायदे में था, लेकिन पिछले 6 सालों में करोड़ों का घोटाला दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली जल बोर्ड में किया गया है.
गंदा पानी पीने को मजबूर हैं दिल्लीवासी
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्लीवासियों को साफ पानी, घर-घर नल, यमुना की सफाई को लेकर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आदि देने का ऐलान किया था. लेकिन आज भी दिल्लीवासी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. साथ ही यमुना की सफाई को लेकर दिल्ली सरकार की तरफ से कोई काम नहीं किया जा रहा है. दिल्ली के कई इलाकों में आज भी लोग टैंकर के जरिए पानी पीने को मजबूर हैं.
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AAP ने किया इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला
इसके साथ ही बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार से पहले कांग्रेस सरकार थी उसने भी इतने बड़े घोटाले नहीं किए लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार ने इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला दिल्ली जल बोर्ड में किया है. हजारों करोड़ रुपए कर्ज के रूप में जल बोर्ड को दिए गए हैं, जिसमें से 26000 करोड का कोई हिसाब किताब नहीं है. इसके साथ ही निगम पार्षद बबीता ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास दिल्ली के कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए पैसा नहीं है लेकिन जल बोर्ड को इतन कर्जा दिया गया है. आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पताल और सफाई कर्मचारी हड़ताल पर दिल्ली में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, लेकिन दिल्ली सरकार उनकी सैलरी नहीं दे रही है. केवल घोषणा की जाती है लेकिन फंड रिलीज नहीं किया जाता.