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चुनावी वर्ष में ऑटो वालों पर मेहरबान केजरीवाल सरकार, फिटनेस-GPS फीस माफ - जीपीएस ट्रैकिंग फीस

मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. यह फैसला 1 सितंबर से लागू हो जाएगा.

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Published : Aug 13, 2019, 10:18 PM IST

नई दिल्ली:चुनावी वर्ष में अरविंद केजरीवाल सरकार ऑटो वालों पर भी मेहरबान हो गई है. ऑटो चालकों को अब फिटनेस फीस नहीं देना होगा. जीपीएस ट्रैकिंग फीस जो प्रतिमाह 100 रुपये के हिसाब से लिया जाता था, अब वह भी नहीं देना होगा. दिल्ली सरकार ने इन दोनों शुल्क को पूरी तरह से माफ कर दिया है.

ऑटो वालों पर मेहरबान केजरीवाल सरकार

घर बैठे करा सकेंगे फिटनेस
मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. यह फैसला 1 सितंबर से लागू हो जाएगा. सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में फिटनेस घर बैठे ही ऑटो वाले करा सकेंगे.

अन्य शुल्कों में भी 70 फीसदी की कमी
दिल्ली सरकार ने ऑटो चालकों को इस बड़ी राहत के साथ अलग-अलग काम के लिए लिए जाने वाले फीस को भी 70 फीसद तक कम कर दिया है. पहले ऑटो चालकों को फिटनेस फीस 600 रुपये देने होते थे, मगर अब यह निशुल्क कर दिया गया है. इसी तरह जीपीएस ट्रैकिंग फीस 100 रुपये प्रतिमाह देना होता था. मगर यह खर्च सरकार खुद उठाएगी. ऑटो चालकों को अब यह नहीं देना होगा.

फिटनेस में समय सीमा खत्म होने पर लेट फीस एक हजार रुपये लिया जाता था. यह फैसला वर्ष 2016 में लागू था. अब इसे घटाकर 300 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह ऑटो के पंजीकरण और पुनः पंजीकरण शुल्क भी 1000 से घटाकर 300 रुपये कर दिया गया है. डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र की फीस भी 500 रुपये से घटाकर 150 रूपये कर दिया गया है. इसी तरह ऑटो की मालिकाना हक बदलने पर लगने वाले 500 की फीस भी 150 रुपये कर दिया गया.

'भ्रष्टाचार होगा खत्म'
सरकार का मानना है कि इस फैसले से फिटनेस को लेकर फैला भ्रष्टाचार खत्म होगा. इससे सरकार को बहुत ज्यादा राजस्व नहीं आता था. मगर इसके चलते परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें जरूर मजबूत हो गई थी. इसीलिए सरकार ने फिटनेस और जीपीएस शुल्क को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. बता दें कि राजधानी में तकरीबन एक लाख ऑटो रिक्शा चल रही है. ऑटो वालों की लंबी मांग के बाद पिछले महीने सरकार ने किराया बढ़ाया था और उसके बाद अब तमाम तरह के शुल्क में कमी लाकर सरकार ने उन पर चुनावी वर्ष में मेहरबानी दिखाई है.

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