नई दिल्लीः कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में साजिश रचने के आरोपी उमर खालिद को चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कोर्ट के कर्मचारी को निर्देश दिया कि वो उमर खालिद के वकील को तत्काल पेन ड्राइव में चार्जशीट की प्रति सौंपें.
'मीडिया में खबरें चल रही हैं लेकिन उमर खालिद को पता नहीं'
उमर खालिद ने कोर्ट से चार्जशीट की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की थी. उमर खालिद ने कहा था कि अखबारों और न्यूज चैनलों में उसे उद्धृत करते हुए चार्जशीट के बारे में खबरें चलाई जा रही हैं, लेकिन उसे खुद पता नहीं कि चार्जशीट में क्या है. उमर खालिद के वकील ने कोर्ट को न्यूज चैनलों की खबरों के कुछ क्लिप और अखबारों की खबरों को दिखाया. उन्होंने कोर्ट से कहा कि भले ही इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 2 दिसंबर को तय की गई है, लेकिन चार्जशीट की प्रति उसे तुरंत उपलब्ध कराया जाए.
24 नवंबर को कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था
दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की इस मांग का विरोध नहीं किया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे इस मांग से कोई एतराज नहीं है कि उमर खालिद को चार्जशीट की प्रति उपलब्ध कराया जाए. बता दें कि पिछले 24 नवंबर को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों के खिलाफ अभियोजन के लिए पर्याप्त तथ्य हैं.
चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी देने की मांग की थी
पिछले 23 नवंबर को पेशी के दौरान उमर खालिद के वकील त्रिदिप पायस ने कहा था कि अभी इस मामले में ट्रायल शुरू नहीं हुआ है. कोर्ट सॉफ्ट प्रति देने का आदेश दे सकती है. वकील अदीत एस पुजारी ने कहा था कि हाईकोर्ट ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट दूसरी अर्जियों पर सुनवाई कर सकती है. वकील सुरभि धर ने कहा था कि सॉफ्ट प्रति देने में कोई समस्या नहीं है. हाईकोर्ट का आदेश केवल प्रिंटेड प्रति देने तक सीमित है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने आरोपियों को सॉफ्ट प्रति देने की बात कही थी. तब त्रिदिप पायस ने कहा था कि प्रिंटेड प्रति से अभी इनकार नहीं किया गया है. तब कोर्ट ने कहा था कि हमारे बारे में साफ कहा गया है. हमें हाईकोर्ट के आदेश के संदर्भ में इसे देखना होगा. ट्रायल कोर्ट होने के नाते हाईकोर्ट के फैसले का पालन करना होगा.
कौन-कौन धाराएं लगाई गई हैं..
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल कर उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान को आरोपी बनाया है. पिछले 22 नवंबर को स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147, 148, 149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.
पहली चार्जशीट पर 17 सितंबर को लिया था संज्ञान
पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने उमर खालिद , शरजील इमाम और फैजान खान को छोड़कर 15 आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में 24 फरवरी के व्हाट्सएप चैट का हवाला दिया गया है, जिस दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी. उस समय मुख्य साजिशकर्ता जमीनी कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश जारी कर रहे थे.
साजिशकर्ताओं ने व्हाट्सएप के जरिए सीलमपुर और जाफराबाद में हिंसा को भड़काने का काम किया था. 25 स्थानों पर विरोध प्रदर्शनों के लिए 25 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे. ये साजिशकर्ता ये जताने की कोशिश कर रहे थे कि वे नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों के ग्रुप हैं लेकिन इन ग्रुप के जरिए वे हिंसा को भड़काने के लिए लोगों को उकसा रहे थे.
कौन-कौन हैं आरोपी..?
स्पेशल सेल ने ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया है. ताहिर हुसैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया गया है, उनमें मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, खालिद सैफी, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगन कलीता, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान के नाम शामिल हैं. बता दें कि दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग घायल हुए थे.