नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस वी. गोपाला गौड़ा ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उस बयान को गलत बताया है जिसमें मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हाईकोर्ट समानांतर सरकारें चला रही है. वकीलों के अखिल भारतीय संगठन ऑल इंडिया लायर्स यूनियन की दिल्ली ईकाई की ओर से आयोजित एक वेबिनार में जस्टिस गौड़ा ने कहा कि हाईकोर्ट किसी की अधीनस्थ नहीं हैं और वे खुद फैसला ले सकती है.
'श्रम कानूनों को निलंबित करना गलत'
जस्टिस गौड़ा ने कहा कि कुछ राज्य सरकारों की ओर से श्रम कानूनों को निलंबित करने का जो संशोधन लाया गया है वो गलत है. राज्य सरकारें ऐसा नहीं कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट को जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करनी चाहिए. मजदूरों को शेल्टर, भोजन और पानी का कानूनी हक है.
किसानों के सवाल पर दाखिल हो जनहित याचिका