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UGC ने फाइनल ईयर परीक्षा को लेकर जारी की नई गाइडलाइन, JNU कुलपति ने किया स्वागत - प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द न करने का फैसला किया है. इस बारे में आयोग ने जानकारी दे दी है. आयोग के अनुसार रिजल्‍ट जारी करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन, किसी भी संभव तरीके से परीक्षाएं आयोजित होनी चाहिए.

JNU VC welcomed ugc new guideline over final year examination
जेएनयू कुलपति ने किया यूजीसी की गाइडलाइन का स्वागत

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Published : Jul 7, 2020, 5:11 PM IST

नई दिल्ली:कोरोना और लॉकडाउन के कारण कॉलेज और विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की अटकी परीक्षाएं अब होने जा रही है. 30 सितंबर तक ये परीक्षाएं हो सकेंगी. गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद यूजीसी ने सोमवार देर रात विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की परीक्षाओं को लेकर संशोधित गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने स्वागत किया.

जेएनयू कुलपति ने किया यूजीसी की गाइडलाइन का स्वागत

कुलपति ने किया फैसले का स्वागत

बता दें कि यूजीसी के जरिए सेमेस्टर परीक्षा और अकादमिक कैलेंडर को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन को यह छूट दी गई है कि वह छात्रों की सहूलियत को देखते हुए ऑनलाइन, ऑफलाइन या मिश्रित तरीके से सेमेस्टर परीक्षा आयोजित कर सकते हैं. वहीं यूजीसी की इस गाइडलाइन का जेएनयू कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय में इससे बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है.

ऑफलाइन मोड में दे सकते हैं परीक्षा


वहीं जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने यूजीसी के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि जिन छात्रों के पास इंटरनेट कनेक्टिविटी सहित परीक्षा के लिए जरूरी सभी संसाधन उपलब्ध नहीं हैं. उनकी ऑफलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी जबकि जो छात्र दूरदराज के गांव में चले गए हैं और इस समय अलग-अलग कारणों से ऑनलाइन परीक्षा देने की स्थिति में नहीं है. वे छात्र विश्वविद्यालय खुलने के बाद ऑफलाइन मोड से परीक्षा दे सकेंगे.


वहीं प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि देश में कोविड-19 के बढ़ते स्तर के बीच इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता था, जो यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को सुझाया है. बता दें कि यूजीसी की संशोधित गाइडलाइन आने से पहले देश के कई राज्य और विश्वविद्यालय जुलाई में परीक्षाएं कराने की योजना को रद कर चुके हैं.

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