नई दिल्ली: जिला अदालतों में कार्यरत स्टाफ के ड्यूटी पर जींस, टी शर्ट, केजुअल शर्ट, जूती, लोफर शूज और स्पोर्ट्स शूज पहनकर आने पर रोक लगा दी गई है.प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (मुख्यालय) गिरीश कठपालिया ने इससे संबंधित एक सर्कुलर भी जारी किया है.
सर्कुलर में कहा गया है कि मेल स्टाफ के लिए प्लेन शर्ट, ट्राउजर्स और फॉर्मल शूज और फीमेल स्टाफ साड़ी, सूट या पेंट शर्ट पहन सकते हैं. अर्दली, चपरासी, चौकीदार और सफाई कर्मचारियों के लिए वाइट शर्ट के साथ नेवी ब्लू पेंट, महिला स्टाफ के लिए लाइट ब्लू सूट सलवार पहनने को कहा गया है. सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि देखने में आया कि कोर्ट स्टाफ समय पर ड्यूटी पर नहीं पहुंचते हैं. इसके अलावा वे ड्रेस कोड का भी पालन नहीं कर रहे हैं. स्टाफ को गले में आई कार्ड लटकाने में भी झिझक महसूस होती है.
न्यायाधीश कठपालिया ने कहा कि सभी कोर्ट और सभी ब्रांचों में तैनात स्टाफ ड्यूटी को निर्धारित समय सुबह 10 बजे तक अपनी सीट पर होना चाहिए. इसके अलावा शाम पांच बजे से पहले कोई अपनी सीट न छोड़े. सर्कुलर में सभी न्यायिक अधिकारियों और प्रभारी अधिकारियों से ड्यूटी टाइम का औचक निरीक्षण कर कर्मचारियों के ड्यूटी रजिस्टर को भी चेक करने के लिए कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि सभी न्यायिक अधिकारी और प्रभारी अधिकारी अपने-अपने यहां इन निर्देशों को लागू कराएं.
अगर कोई कर्मचारी इन निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसे लिखित में चेतावनी दें. इसके बावजूद भी उसमें कोई सुधार नहीं दिखता है तो उसके नाम के साथ आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए एक्शन टेकन रिपोर्ट के दस्तावेज भेजें. अगर उपर्युक्त निर्देशों का गंभीरता पूर्वक पालन नहीं किया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. बता देंगे कि दिल्ली में सात कोर्ट कॉम्प्लेक्स में 11 जिला अदालतें चलती हैं. जिसमें स्टाफ के रूप में सैकड़ों लोग कार्यरत हैं. यह सर्कुलर जारी होने के बाद अब सभी को निर्धारित ड्रेस कोड में कोर्ट आना होगा.
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