नई दिल्ली: इस वर्ष जन्माष्टमी का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा. इस दिन कई ऐसे शुभ योग बन रहे हैं जो भगवान कृष्ण के जन्म समय पर बने थे. जब भगवान कृष्ण का धरती पर अवतरण हुआ था, उस समय भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि, दिन बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा वृष राशि में अपनी उच्च राशि में स्थित थे. इस वर्ष 6 सितंबर को भी बिल्कुल वैसे ही योग बन रहे हैं.
Janmasthmi 2023: इस दिन रखा जाएगा जन्माष्टमी का व्रत, बन रहा विशेष संयोग - Two rules of Janmashtami Vrat
शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र के आचार्य शिवकुमार शर्मा का कहना है कि 6 सितंबर को जन्माष्टमी का व्रत रखना अभीष्ट फलदायी होगा. इस दिन कई ऐसे विशेष संयोग बन रहे हैं जो भगवान कृष्ण के जन्म समय पर बने थे.
Published : Sep 2, 2023, 3:45 PM IST
ये भी पढ़ें: Festivals in September 2023: इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा, अजा एकादशी और अमावस्या, जानें माह के व्रत-त्योहार
शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद के आचार्य शिवकुमार शर्मा के अनुसार 6 सितंबर को दोपहर बाद 15:37 बजे अष्टमी तिथि आ जाएगी. प्रातः 9:19 बजे के बाद रोहिणी नक्षत्र जाएगा. बुधवार का दिन है और भगवान कृष्ण के जन्म के समय रात्रि 22:57 बजे से मध्य रात्रि 12:00 बजे के बाद तक वृषभ राशि में चंद्रमा उच्च राशि में रहेंगे. इसलिए 6 सितंबर को ही जन्माष्टमी का व्रत रखना अभीष्ट फलदायक होगा.
जन्माष्टमी व्रत के दो विधान हैं- स्मार्त मत और वैष्णव मत. स्मार्त का अर्थ होता है गृहस्थ लोग. ये लोग जन्माष्टमी का व्रत 6 तारीख को रखेंगे और वैष्णव पंत के अनुयायी, भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन साधु संत नवमी को भगवान का जन्मदिन मनाते हैं. ऐसा हर वर्ष होता है. स्मार्त मतावलंबियों की जन्माष्टमी 6 सितंबर को जबकि वैष्णव व बल्लभ पंथ मानने वालों की जन्माष्टमी 7 सितंबर को है.
रात्रि को 22:57 बजे चंद्र उदय होंगे. उसे समय भगवान का प्राकट्योत्सव मनाना शुरू हो जाएगा जो रात्रि 12 बजे के बाद तक चलेगा. अपनी अपनी परंपराओं के अनुसार भक्त भगवान को पंचामृत से स्नान कराएंगे, नए वस्त्र पहनाएंगे और उनको झूला झुलायेंगे. ऐसा अपने मत संप्रदाय के अनुसार करना चाहिए.
खबर मान्यता और जानकारी पर आधारित है ईटीवी भारत की सभी मान्यता की पुष्टि नहीं करता है.
ये भी पढ़ें: गाजियाबाद: जन्माष्टमी पर इस्कॉन मंदिर में फूल बंगला बनाएंगे वृंदावन के कारीगर, कोलकाता से मंगाए गए दो हजार किलो फूल