नई दिल्ली : पाकिस्तान सरकार ने जमीनी विवाद की आड़ में लाहौर शहर के नौलखा स्थित शहीद भाई तारू सिंह गुरुद्वारा पर ताला लगा दिया है, जिसके विरोध में मंगलवार को जागो पार्टी और दिल्ली के तमाम पंथदर्दी सिखों ने जागो पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके के नेतृत्व में पाकिस्तानी दूतावास के पास प्रदर्शन (Jago Party protested) किया. प्रदर्शन के बाद जागो पार्टी के नेताओं ने दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पाकिस्तान दूतावास के अधिकारी जुल्फिकार अली को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के नाम एक ज्ञापन सौंपा. तीन मूर्ति चौक से पाकिस्तानी दूतावास की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने धारा -144 लागू होने का हवाला देते हुए चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन के बाहर रोक दिया.
सिख धर्मस्थल भी भू-माफिया के निशाने पर :मीडिया से बात करते हुए मंजीत सिंह जीके ने पाकिस्तान में सिखों के उत्पीड़न को अल्पसंख्यक सिख समुदाय के "जातीय संहार" के रूप में परिभाषित किया. जीके ने कहा कि पहले पाकिस्तान में सिख चरमपंथियों के निशाने पर सिखों की नाबालिग बेटियां और सिख कारोबारी थे, लेकिन अब सिख धर्मस्थल भी भू-माफिया के निशाने पर आ गए हैं. इसलिए पाकिस्तान सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
सिख समुदाय स्तब्ध और दुखी : शाहबाज शरीफ से गुरुद्वारा शहीद भाई तारू सिंह को तुरंत खोलने की मांग करते हुए जीके ने अपने पत्र में कहा है कि गुरुद्वारा शहीद भाई तारू सिंह को सील करने की पाकिस्तान सरकार की कार्रवाई से सिख समुदाय स्तब्ध और दुखी है. क्योंकि लाहौर में स्थानीय प्रशासन ने गुरुद्वारा साहिब पर ताला लगा दिया है और सिख श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेकने से रोक दिया है. साथ ही स्थानीय चरमपंथी मुस्लिम समूह के दबाव में सिखों को शहीद भाई तारू सिंह की बरसी वहां पर नहीं मनाने दी गई. जिसके बाद पाकिस्तान कमेटी को मजबूरी में पास के गुरुद्वारा शहीद गंज में अखंड पाठ रखना पड़ा. यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि स्थानीय भू-माफिया गुरुद्वारा शहीद भाई तारू सिंह की संपत्ति हड़पने की कोशिश कर रहा है. जिसके कारण स्थानीय सिख और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव पैदा हो गया है.
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