नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आईएस आतंकी इमरान पठान खान को देश में प्रतिबंधित संगठन के लिए युवाओं को रिक्रूट करने के मामले में सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है. स्पेशल जज अरविंद सिंह ने ये फैसला सुनाया है. पिछले 27 फरवरी को कोर्ट ने इमरान को दोषी करार दिया था.
2015 में दर्ज किया गया था केस
एनआईए ने आरोप लगाया था कि आईएस ने देश के मुस्लिम युवकों को रिक्रूट करने की साजिश रची थी।. इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया था. आईएस ने देश के मुस्लिम युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने का अभियान चलाया और देश छोड़ने के लिए
उनका ब्रेनवाश किया. इन दोषियों के खिलाफ एनआईए ने 9 दिसंबर 2015 को भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के तहत केस दर्ज किया था. एनआईए के मुताबिक इन आरोपियों ने आपराधिक साजिश रचते हुए भारत में आईएस का पांव जमाने की कोशिश की थी. इस मामले में एनआईए ने 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
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आईएस आतंकी इमरान पठान खान को 7 साल की जेल - IS terrorist Imran Pathan Khan
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आईएस आतंकी इमरान पठान खान को देश में प्रतिबंधित संगठन के लिए युवाओं को रिक्रूट करने के मामले में सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है.
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16 आरोपियों को सजा मिल चुकी है
इसके पहले पटियाला हाउस कोर्ट 16 आरोपियों को सजा सुना चुका है. 16 अक्टूबर 2020 को कोर्ट ने नफीस खान को 10 साल, अबू अनस, मुफ्ती अब्दुल सामी कासमी और मुदब्बिर मुश्ताक शेख को 7-7 साल, अमजद खान को छह साल, ओबैदुल्लाह खान, नजमुल होदा, मोहम्मद अफजल, सुहैल अहमद, मोहम्मद अलीम, मोईनुद्दीन खान, आसिफ अली और सैयद मुजाहिद को 5-5 साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने इन आरोपियों को यूएपीए की धारा 18 के तहत दोषी पाया था.