नई दिल्ली:'म्यूकोरमाइकोसिस' (Mucomycosis) के बढ़ते खतरे को देखते हुए राजधानी दिल्ली में इसे महामारी घोषित कर दिया गया है, लेकिन एक्सपर्ट अभी भी इस बीमारी के तेजी से फैलने के कारणों का पता लगाने में जुटे हुए हैं. जहां कई एक्सपर्ट ब्लैक फंगस (Black Fungus) के फैलने की वजह स्टेरॉयड (Steroids) का अधिक इस्तेमाल को बता रहे हैं.
कई ऑक्सीजन कमी(lack of oxygen) के दौरान इस्तेमाल किए गए इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन(Industrial oxygen) को भी ब्लैक फंगस के फैलने का कारण मान रहे हैं. इसमें कितनी सच्चाई है और आखिरकार ब्लैक फंगस फैलने के क्या कुछ कारण हो सकते हैं.
इसको लेकर ईटीवी भारत ने इंफेक्शन डिजीज एक्सपर्ट(infection disease specialist) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(IMA) में एक्शन कमेटी के मेंबर डॉक्टर नरेंद्र सैनी से बात की.
ऑक्सीजन के लिए पानी का साफ होना आवश्यक
डॉक्टर सैनी ने बताया कि ब्लैक फंगस जैसी बीमारी फैलने के कई कारण हो सकते हैं. यह एक जांच का विषय है, लेकिन जो मामले लगातार सामने आए हैं. उनके मुताबिक यह देखा गया कि जिन लोगों में डायबिटीज(Diabetes), दिल से जुड़ी बीमारियां हैं. उन लोगों को जब वायरस(virus) से बचाव के लिए कुछ दवाइयां दी गई.
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जिसमें स्टेरॉइड की मात्रा अधिक होने के कारण को भी ब्लैक फंगस की वजह माना गया है, वही कोरोना से पीड़ित मरीजों में ऑक्सीजन सैचुरेशन(Oxygen saturation) कम होने पर बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी और तब इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को इस्तेमाल में लिया गया.
इसके पीछे का यह भी एक कारण हो सकता है, क्योंकि ऑक्सीजन के लिए जिस पानी का इस्तेमाल हो रहा है हो सकता है वो साफ ना हो, जिससे मरीजों में फंगस इंफेक्शन हुआ हो.
प्योर फॉर्म में होना आवश्यक
डॉक्टर सैनी ने बताया कि जिस ऑक्सीजन(oxygen) का इस्तेमाल इलाज के लिए होता है. उसका प्योर फॉर्म में होना आवश्यक है. जब इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन मरीजों के इस्तेमाल के लिए लाया गया, तो हो सकता है कि उसका पानी उतना साफ ना हो. जिसका मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होना चाहिए या फिर जिन सिलेंडर के जरिए ऑक्सीजन अस्पतालों तक लाया गया हो, वह साफ ना हो.