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अब कोहरे से ज्यादा लेट हुई ट्रेन तो वापसी में उसकी जगह दूसरी ट्रेन चलाएगा रेलवे, जानें क्या है प्लान

Railways will run another train: अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल कोहरे के कारण ट्रेनों को लेट होती देखते हुए रेलवे अब ट्रेन लेट होने पर वापसी में दूसरी ट्रेन चलाने वाला है. इससे उन लोगों को खासी राहत मिलेगी, जिन्हें ठंड में प्लेटफॉर्म पर घंटों इंतजार करना पड़ता है.

Railways will run another train on return journey
Railways will run another train on return journey

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 17, 2023, 1:47 PM IST

नई दिल्ली:कोहरे के कारण दिल्ली से लखनऊ, दिल्ली से पटना, दिल्ली से अंबाला समेत अन्य रूटों पर सबसे अधिक ट्रेनें प्रभावित होती हैं. कोहरे में कम दृश्यता के कारण नियमित ट्रेनों का संचालन भी विलंब से हो रहा है. जो ट्रेनें देरी से दिल्ली पहुंचती हैं, वापसी में उनका संचालन भी कई बार देरी से होता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि ट्रेनों के मेंटेनेंस में दो से छह घंटे तक का वक्त लगता है. बिना मेंटेनेंस के और पूरी जांच किए ट्रेनों का संचालन नहीं किया जा सकता है. लेकिन अब इस समस्या से लोगों को निजात मिलने वाली है. दरअसल रेलवे अधकारियों के मुताबिक, विलंब से आने वाली ट्रेनों के वापसी के समय, उसी नाम से दूसरी ट्रेन चलाई जाएगी. इससे यात्रियों को ट्रेन का घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

आठ घंटे तक की देरी से चल रहीं ट्रेनें:इन दिनों कोहरे में कम दृश्यता के कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है. कोई हादसा न हो ऐसे में ट्रेनों को धीमी गति से चलाया जाता है. इसकी वजह से ट्रेनें घंटों लेट हो जा रही हैं. विशाखापट्टनम से नई दिल्ली आने वाली आंध्र प्रदेश, सप्तक्रांति, हमसफर क्लोन एक्सप्रेस, तमिलनाड़ू एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनें चार से करीब आठ घंटे तक की देरी से चल रही हैं. समय से दिल्ली न पहुंचने के कारण ट्रेनों को वापसी में चलाने में विलंब हो रहा है, जिससे यात्रियों को प्लेटफार्म पर ट्रेनों का घंटों इंतजार करना पड़ता है. शुक्रवार को बरौनी से नई दिल्ली पहुंची हमसफर क्लोन एक्सप्रेस, करीब चार घंटे की देरी से हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंची. वापसी में इसका संचालन चार घंटे की देरी से दोपहर करीब साढ़े तीन बजे किया गया.

इसलिए जरूरी है जांच व मेंटेनेंस: रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेनें कितनी दूरी से आ रही हैं, इससे आधार पर दो, चार और छह घंटे का मेंटेनेंस होता है. इस दौरान ट्रेनों की सफाई, पानी भरना, तकनीकी जांच, ट्रेन के पहियों व उपकरणों को जांच कर उन्हें ठीक किया जाता है, जिससे ट्रेन का सुरक्षित संचालन किया जा सके. बिना मेंटेनेंस के ट्रेनों को वापसी में नहीं भेजा जाता है. कई बार देरी से आने वाली ट्रेनों के वापसी संचालन में मेंटेनेंस के कारण भी देरी हो जाती है.

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वापसी में दूसरी ट्रेन को रूट पर चलाने की व्यवस्था: कोहरे में ज्यादा ट्रेनों का संचालन प्रभावित न हो, ऐसे में रेलवे ने जिस रूट पर ज्यादा ट्रेने हैं उनमें से कुछ ट्रेनों का संचालन रद्द कर दिया है. वहीं नियमित चलने वाली ट्रेनों के संचालन के दिनों की संख्या कम कर दी गई है. इस तरह अभी तक करीब 100 ट्रेनों का संचालन रद्द किया जा चुका है. अधिकारियों के मुताबिक लंबी दूरी से आने वाली ट्रेनें यदि लेट होती हैं और मेंटेनेंस में ज्यादा समय लगता है तो उस ट्रेन की जगह दूसरी ट्रेन को वापसी में उसी नाम से उतारा जाएगा. साथ ही ट्रेन के नाम और नंबर की प्लेट को भी बदला जाएगा.

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